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15 से रांची में बिजली आपूर्ति की होगी ऑनलाइन मॉनिटरिंग

स्काडा सिस्टम से जुड़े ग्रिड सब स्टेशन रांची : राजधानी में 15 अगस्त से स्काडा सिस्टम काम करने लगेगा, जिसके बाद अधिकारी बिजली की ऑनलाइन मॉनिटरिंग कर सकेंगे. किसी भी फॉल्ट की जानकारी फौरन मिलेगी. एक सब स्टेशन के ठप पड़ते ही संबंधित क्षेत्र को अपने आप दूसरे फीडर या पीएसएस से बिजली मिलनी शुरू […]

स्काडा सिस्टम से जुड़े ग्रिड सब स्टेशन
रांची : राजधानी में 15 अगस्त से स्काडा सिस्टम काम करने लगेगा, जिसके बाद अधिकारी बिजली की ऑनलाइन मॉनिटरिंग कर सकेंगे. किसी भी फॉल्ट की जानकारी फौरन मिलेगी. एक सब स्टेशन के ठप पड़ते ही संबंधित क्षेत्र को अपने आप दूसरे फीडर या पीएसएस से बिजली मिलनी शुरू हो जायेगी.
गुरुवार को डोरंडा स्थित डेटा सेंटर में रांची के सभी डिवीजन के विद्युत अभियंताओं को सिस्टम के बारे में जानकारी दी गयी. इस दौरान बताया गया कि स्काडा कैसे काम करता है और उन्हें क्या करना है. मौके पर अधीक्षण अभियंता प्रभात कुमार श्रीवास्तव ने आरएपीडीआरपी, पॉलिकैब और अशोका बिल्डकॉन द्वारा पूरे किये गये कार्यों की जानकारी ली.
श्री श्रीवास्तव ने अभियंताओं को दो दिनों के भीतर उपयोग की गयी राशि की जानकारी देने को कहा, जिससे की इस राशि का इस्तेमाल अन्य आधारभूत संरचना को विकसित किये जाने पर खर्च किया जा सके. अधिकारियों को बताया गया कि बिना कार्यपालक अभियंता को जानकारी दिये आगे कोई भी शटडाउन नहीं लिया जा सकेगा. ऐसा करनेवाले स्विच बोर्ड ऑपरेटर व लाइनमैन के ऊपर अनुशासनात्मक कार्रवाई की जायेगी.
पल भर में फाॅल्ट का पता चल जायेगा
स्काडा सिस्टम से पल भर में पता चल जायेगा कि शहर के किस इलाके में बिजली कब से और क्यों गुल है. रिंग मेन यूनिट व सेक्सनाइज जैसी तकनीक से फीडरों का ऑनलाइन वोल्टेज, करेंट का प्रवाह, फ्रीक्वेंसी एक्टिव व रिएक्टिव पावर, करंट, पावर फैक्टर, ट्रांसफॉर्मर में तेल तापमान, वाइंडिंग तापमान, सर्किट ब्रेकर, सीटी-पीटी, मल्टी फंक्शन मीटर, लाइन में ब्रेकडाउन की जानकारी मिलने के बाद मरम्मत का काम चल रहा है या नहीं, इसकी भी जानकारी मिलती रहेगी.
सिस्टम के लिए बनाये गये 10 सब स्टेशन
नियंत्रण कक्ष में बड़े डिसप्ले लगे हैं, जहां कंप्यूटर से नजर रखी जाती है. चीन की डांग-फांग इलेक्ट्रॉनिक कंपनी ने 43.1 करोड़ रुपये की लागत से स्काडा (सुपरवाइजरी कंट्रोल एंड डाटा एक्यूजिशिन) सिस्टम विकसित किया है. सिस्टम के लिए एपीडीआरइपी योजना के तहत रांची में 10 सब स्टेशन बनाये गये. वहीं, 23 पीएसएस का अपग्रेडेशन किया गया. 1577 नये ट्रांसफार्मर लगाये गये, जबकि 1733 ट्रांसफार्मर को रिपयेर कर उसे इस लायक बनाया गया. तीनों फेज के 11 और 33 केवी उच्च क्षमता वाले केबल को बदला गया है.

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