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रांची : मॉनसून ने दिया धोखा, अब भी टैंकर के पानी से ही गुजारा कर रही राजधानी की दो लाख आबादी
मॉनसून ने दिया धोखा, अब भी टैंकर के पानी से ही गुजारा कर रही राजधानी की दो लाख आबादी बारिश का मौसम शुरू हुए एक माह बीता, पर अब तक रिचार्ज नहीं हो पाया शहर का ग्राउंड वाटर रांची : लोगों को मॉनसून का बेसब्री से इंतजार होता है, क्योंकि यह बारिश भीषण गर्मी से […]
मॉनसून ने दिया धोखा, अब भी टैंकर के पानी से ही गुजारा कर रही राजधानी की दो लाख आबादी
बारिश का मौसम शुरू हुए एक माह बीता, पर अब तक रिचार्ज नहीं हो पाया शहर का ग्राउंड वाटर
रांची : लोगों को मॉनसून का बेसब्री से इंतजार होता है, क्योंकि यह बारिश भीषण गर्मी से राहत तो देती ही है, साथ ही भूजल को भी रिचार्ज करती है.
राजधानी रांची में मॉनसून ने 19 जून को दस्तक दी थी. इसके बावजूद इस बार न तो लोगों को गर्मी से राहत मिली और न ही ढंग से ग्राउंड वाटर रिचार्ज हो सका है.
यानी मॉनसून के आने के एक माह बाद भी राजधानी में आज भी जल संकट बरकरार है. यह स्थिति इसलिए उत्पन्न हुई है, क्योंकि उम्मीद और आकलन के मुताबिक बारिश ही नहीं हुई है. नतीजतन राजधानी के विभिन्न हिस्सों में आज भी रांची नगर निगम को टैंकर से पानी बांटना पड़ रहा है.
मौसम विभाग के मुताबिक राजधानी में मॉनसून के दौरान अब तक 470.9 मिमी हो जानी चाहिए थी, लेकिन उपलब्ध आंकड़े बताते हैं कि 24 जुलाई तक राजधानी में 224.4 मिमी ही हुई है. यह अनुमानित बारिश से 52 फीसदी कम है. दरअसल, राजधानी में पिछले तीन साल से गर्मी के मौसम में भीषण जल संकट का दौर जारी है.
इसी को देखते हुए रांची नगर निगम ने इस बार गर्मी के मौसम में शहर में 270 जगहों पर टैंकर से पानी बंटवाना शुरू किया. नगर निगम के अधिकारी आश्वस्त थे कि जैसे ही मॉनसून आयेगा, हालत सुधर जायेंगे.
लेकिन, मॉनसून ने धोखा दे दिया. यह स्थिति शहर के आमलोगों के लिए भी परेशानी भरा है. लोग एक तो गर्मी से परेशान है. वहीं, पानी की किल्लत ने भी नाक में दम कर रखा है.
वर्ष 2018 में भी जल संकट उत्पन्न हुआ था. तब नगर निगम ने 230 मोहल्लों में टैंकर से पानी बंटवाया था. लेकिन, माॅनसून के आने के बाद 30 जून को टैंकर से पानी बांटने के काम बंद करा दिया गया था. इधर, इस वर्ष 24 जुलाई तक शहर में 270 जगहों पर टैंकर से पानी बांटने का काम जारी है.
सात वार्डों में पानी की सबसे ज्यादा किल्लत
राजधानी के वार्ड नंबर-26, 27, 28, 29, 30, 31 और 33 में भीषण जल संकट की स्थिति है. इनमें स्वर्ण जयंती नगर, मधुकम, गंगा नगर, विद्यानगर, यमुना नगर, हरमूू हाउसिंग कॉलोनी, कडरू, मोरहाबादी, एदलहातू व रातू रोड से सटे इलाके शामिल हैं. वार्ड नंबर-3 स्थित मोरहाबादी के कुछ इलाकों में भी पानी की किल्लत शुरू हो गयी है. एक अनुमान के मुताबिक उक्त इलाकों की 30 हजार से अधिक घरों की बोरिंग अब भी सूखी हुई हैं. इन वार्डों में की करीब दो लाख आबादी रोजाना पानी का जुगाड़ करने में पूरा दिन व्यस्त रहती है.
कभी नहीं देखे ऐसे हालात
उम्मीद थी कि माॅनसून के आते ही वाटर लेबल सुधरेगा और सूख चुकी बोरिंग से दोबारा पानी आने लगेगा. लेकिन स्थिति जस की तस है. अब भी हर दिन वार्ड में 12 टैंकर पानी बांटा जा रहा है. हमारा पूरा परिवार भी टैंकर के पानी पर ही आश्रित है.
अरुण कुमार झा, पार्षद, वार्ड-26
वार्ड के स्वर्ण जयंती नगर में तो प्रतिदिन पानी के लिए मारपीट व हाथापाई हो रही है. लेकिन हम कर क्या सकते हैं. नगर निगम से जितना पानी बंटवा सकते थे, बंटवा रहे हैं. अगर अब भी ढंग से बारिश नहीं हुई, तो आनेवाले दिनों में स्थिति और भी गंभीर हो सकती है.
रश्मि चौधरी, पार्षद, वार्ड-28
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