रांची : नक्सली संगठन झारखंड जनमुक्ति परिषद (JJMP) ने 21 जुलाई का झारखंड बंद वापस ले लिया है. नक्सली संगठन ने शनिवार को दोपहर के बाद एक ऑडियो और वीडियो जारी कर बंद वापस लेने का एलान किया. वीडियो में सब-जोनल कमांडर लवलेशजी के नाम से कहा गया है कि उसके संगठन में शशिकांत नाम का कोई कमांडर नहीं है. साथ ही कहा कि जेेजेएमपी के नाम पर 21 जुलाई को बंदी का जो एलान किया गया है, वह गलत है. संगठन बंद को वापस लेता है. इस दौरान संगठन ने लोहरदगा में मारे गये अपने तीन नक्सली साथियों विजय जी, हरदयाल जी और अरुणजी को श्रद्धांजलि भी दी.
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इसके पहले इसी संगठन के नाम पर नक्सली बंदी का एलान किया गया था. हालांकि, बंदी की कोई वजह नहीं बतायी गयी थी. तब कयास लगाये जा रहे थे कि लातेहार जिला में सक्रिय इस उग्रवादी संगठन ने लंबे समय बाद बंद बुलाया है. आशंका व्यक्त की जा रही थी कि गुरुवार को लोहरदगा जिला में पुलिस के साथ मुठभेड़ में मारे गये अपने संगठन के सदस्यों की मौत का बदला लेने के लिए बंद बुलाया गया है.
यह भी आशंका जतायी जा रही थी कि बंदी के दौरान जेजेएमपी के नक्सली कहीं विस्फोट भी कर सकते हैं. पुलिस ने नक्सली बंदी से निबटने की तैयारियां शुरू कर दी थी. हालांकि, नक्सली संगठनों से निबटने के लिए वर्तमान में पुलिस सदैव तैयार रहती है. नक्सल प्रभावित झारखंड के सभी जिलों में पुलिस और सुरक्षा बलों के जवान लगातार एंटी नक्सल ऑपरेशन चला रहे हैं.
ज्ञात हो कि झारखंड सरकार ने नक्सलियों के खिलाफ कड़ा रुख अपना रखा है. सुरक्षा बल लगातार नक्सलवाद के खात्मे का अभियान चला रहा है. सरकार का दावा है कि सुरक्षा बलों के अभियान से नक्सलियों की कमर टूट चुकी है और लाल आतंक प्रदेश में आखिरी सांसें गिन रहा है.
दूसरी तरफ, नक्सली भी लगातार अपने संगठन को मजबूत करने की कोशिशों में जुटे हैं. बीच-बीच में हिंसक घटनाओं को अंजाम देकर नक्सली संगठन अपनी उपस्थिति का एहसास कराकर पुलिस को चुनौती दे रहे हैं. झारखंड बंद भी उनकी इसी रणनीति का हिस्सा है. 20 जुलाई की आधी रात के बाद बंद के दौरान नक्सली संगठन जेजेएमपी कहीं विस्फोट कर सकता है.