रांची : राज्य के नक्सलियों और उनके रिश्तेदारों के रुपये निवेश करने वाली दो कंपनियां विकास म्यूचुअल बेनिफिट निधि लिमिटेड और पेट्रॉन मिनरल एंड मेटल लिमिटेड गायब हो गयी हैं. इन कंपनियों से जुड़े लोग भी गायब हैं. एनआइए के निर्देश पर जब सीआइडी ने दोनों कंपनियों और इससे जुड़े अधिकारियों की जांच शुरू की, तो इसका खुलासा हुआ. सीआइडी जांच में यह भी पता चला है कि दोनों कंपनियों का ऑफिस हेसल और बेड़ो में था.
सीआइडी के अधिकारी दोनों स्थान पर सत्यापन करने पहुंचे, तो किसी कंपनी का अस्तित्व ही नहीं मिला. सीआइडी ने लातेहार और पलामू में भी इन कंपनियों के बारे में पता लगाने का प्रयास किया, वहां से भी कोई जानकारी नहीं मिल सकी. अब सीआइडी के अधिकारी मामले में रिपोर्ट तैयार कर रहे हैं, जल्द ही इसे एनआइए को सौंपी जायेगी.
एनआइए को मिली थी निवेश की सूचना
नक्सलियों द्वारा लेवी में वसूली गयी राशि को चिटफंड कंपनी में निवेश करने से संबंधी मामले की जांच एनआइए ने शुरू की थी. एनआइए ने पाया था कि नक्सली बड़ा विकास ने सरेंडर करने से पूर्व 26.50 लाख रुपये और छोटू खैरवार ने 1.80 लाख रुपये निवेश किये थे. वहीं, नक्सलियों के रिश्तेदार के नाम पर भी अलग-अलग तिथियों में आठ बार लाखों का निवेश करने की बात सामने आयी थी.
दोनों कंपनियों की गतिविधियां संदिग्ध पायी थी एनआइए ने
जांच के दौरान एनआइए को इन चिटफंड कंपनियों की गतिविधियों पर संदेह हुआ था, क्योंकि ये छह साल में रकम दोगुना करने के नाम पर नक्सलियों और उनके रिश्तेदारों से रुपये निवेश करायी थीं. एनआइए को इलाहाबाद और कोलकाता में भी दोनों कंपनी के ऑफिस होने की जानकारी मिली थी. लेकिन एनआइए ने सीआइडी को सिर्फ झारखंड में ही कंपनी के बारे में जानकारी इकट्ठा करने और उनके खिलाफ कार्रवाई की जिम्मेवारी सीआइडी को सौंपी है.