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जल संकट : 2030 तक झारखंड के कई शहरों में खत्म हो जायेगा पानी

नयी दिल्ली : देश में जल संकट ने विकराल रूप ले लिया है. भविष्य में इसके और गहराने की आशंका है. नीति आयोग की एक रिपोर्ट के मुताबिक, 2030 तक देश में कई शहरों में पानी खत्म होने की कगार पर आ जायेगा. साथ ही देश की 40 प्रतिशत आबादी के पास पीने का पानी […]

नयी दिल्ली : देश में जल संकट ने विकराल रूप ले लिया है. भविष्य में इसके और गहराने की आशंका है. नीति आयोग की एक रिपोर्ट के मुताबिक, 2030 तक देश में कई शहरों में पानी खत्म होने की कगार पर आ जायेगा. साथ ही देश की 40 प्रतिशत आबादी के पास पीने का पानी नहीं होगा. इनमें दिल्ली, बेंगलुरु, चेन्नई और हैदराबाद समेत देश के 21 शहर शामिल हैं. िबहार-झारखंड भी इससे बच नहीं पायेंगे.
यह जल संकट देश की अर्थव्यवस्था को पूरी तरह बर्बाद कर देगा. इसकी वजह से जीडीपी को छह प्रतिशत का नुकसान होगा. रिपोर्ट के अनुसार, 2020 से ही पानी की परेशानी शुरू हो जायेगी. यानी कुछ समय बाद ही करीब 10 करोड़ लोग पानी के कारण परेशानी उठायेंगे.
2030 तक देश में पानी की मांग उपलब्ध जल वितरण की दोगुनी हो जायेगी. इसका मतलब है कि करोड़ों लोगों के लिए पानी का गंभीर संकट पैदा हो जायेगा. देश में करीब 60 करोड़ लोग पानी की गंभीर किल्लत का सामना कर रहे हैं. करीब दो लाख लोग स्वच्छ पानी नहीं मिलने के चलते हर साल जान गंवा देते हैं.
दिल्ली में जरूरत का 75% सप्लाई : अभी दिल्ली को रोज करीब 450 से 470 करोड़ लीटर पानी चाहिए, लेकिन सप्लाई सिर्फ 75 प्रतिशत ही है. संयुक्त राष्ट्र की एक रिपोर्ट के मुताबिक, 2028 तक दिल्ली तोक्यो को पीछे छोड़कर सबसे ज्यादा आबादी वाला शहर बन जायेगा. तब दिल्ली की जनसंख्या 3 करोड़ 72 लाख हो जायेगी.
चेन्नई की हाल अभी से बेहाल : चेन्नई की आबादी करीब एक करोड़ है. यहां के करीब 46 लाख लोगों को पीने का पानी नहीं मिल पा रहा है.
दक्षिण चेन्नई में लोगों को एक बाल्टी पानी के लिए तीन घंटे इंतजार करना पड़ रहा है. चेन्नई में रोज 130 करोड़ लीटर पानी की जरूरत है. अभी सिर्फ 83 करोड़ लीटर पानी ही सप्लाई हो रहा है. चेन्नई में आगामी दिनों में तीन नदियां, चार जल निकाय, पांच झील और छह जंगल पूरी तरह से सूख जायेंगे.
दिल्ली, बेंगलुरु, चेन्नई, हैदराबाद समेत 21 शहरों में 2020 से ही हालात होंगे भयावह, बिहार भी शामिल
नदियों को जोड़ने का सुझाव
जल संकट से निपटने के लिए नीति आयोग ने करीब 450 नदियों को आपस में जोड़ने का एक विस्तृत प्रस्ताव तैयार किया है. बरसात में या उसके बाद बहुत-सी नदियों का पानी समुद्र में जा गिरता है. समय रहते इस पानी को उन नदियों में ले जाया जाये, तो स्थिति बेहतर होगी.
02 करोड़ लोग साफ पानी नहीं मिलने से हर साल गंवा देते हैं जान
बिहार-झारखंड समेत 14 राज्यों की स्थिति चिंताजनक
2050 तक दुनिया के 200 शहरों में पानी की िकल्लत
वाटर एड की एक रिपोर्ट के मुताबिक, 2030 तक दुनिया के 21 शहरों में डे जीरो जैसे हालात बन जायेंगे. 2040 तक भारत समेत 33 देश पानी के लिए तरसेंगे, 2050 तक दुनिया के 200 शहर खुद को डे जीरो वाले हालात में पायेंगे.
प्रभात अपील
भविष्य में होनेवाले जल संकट के मद्देनजर सुधि पाठकों से प्रभात खबर अपील करता है कि पानी बचाने के लिए प्रयास करें. पानी के संरक्षण के लिए वाटर हार्वेस्टिंग, तालाबों की रक्षा जैसे उपाय अपनाये जासकते हैं.
नीति आयोग की रिपोर्ट खतरे का अलार्म
40% आबादी के पास 2030 तक नहीं होगा पीने का पानी
06% जीडीपी को 2030 तक पानी की वजह से होगा नुकसान
60 करोड़ लोग पानी की गंभीर किल्लत का कर रहे सामना
Prabhat Khabar Digital Desk
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यह प्रभात खबर का डिजिटल न्यूज डेस्क है। इसमें प्रभात खबर के डिजिटल टीम के साथियों की रूटीन खबरें प्रकाशित होती हैं।

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