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रांची : जेल से निकलनेवाले अपराधियों पर निगरानी रखेगी एसआइटी
क्राइम कंट्रोल को ले एसएसपी ने थानेदारों के साथ की बैठक संवेदनशील बनने व आम लोगों के साथ ठीक से व्यवहार करने का निर्देश शातिर अपराधियों का सत्यापन कर सीसीए के तहत प्रस्ताव तैयार करें रांची : राजधानी और आस-पास के इलाके में क्राइम कंट्रोल के लिए एसएसपी अनीश गुप्ता ने रविवार को रांची जिला […]
क्राइम कंट्रोल को ले एसएसपी ने थानेदारों के साथ की बैठक
संवेदनशील बनने व आम लोगों के साथ ठीक से व्यवहार करने का निर्देश
शातिर अपराधियों का सत्यापन कर सीसीए के तहत प्रस्ताव तैयार करें
रांची : राजधानी और आस-पास के इलाके में क्राइम कंट्रोल के लिए एसएसपी अनीश गुप्ता ने रविवार को रांची जिला के सभी थानेदार, सर्किल इंस्पेक्टर और डीएसपी रैंक के अफसरों के साथ बैठक की. बैठक लगभग चार घंटे चली. बैठक में एसएसपी ने थानेदारों से कहा कि राजधानी में चेन छिनतई, पर्स छिनतई, मोबाइल छिनतई, बाइक चोरी या हथियार लेकर घूमनेवाले से आम लोग ज्यादा प्रभावित होते हैं.
इसलिए ऐसे केस में जेल जा चुके पुराने अपराधियों पर निगरानी रखने की आवश्यकता है. अपराधी पर निगरानी रखने के लिए थाना में अलग से पंजी तैयार करें. पुराने आपराधिक गिरोह और जेल से निकले शातिर अपराधियों पर निगरानी रखने का काम अब एसआइटी करेगी. एसएसपी ने इसके लिए एसआइटी का गठन भी नये सिरे से किया है.
एसएसपी ने थानेदारों से कहा कि पिछले माह में रांची जिला से आर्म्स एक्ट के केस में करीब 50 अपराधी जेल गये हैं. इनमें सक्रिय और शातिर अपराधियों का सत्यापन कर उनके खिलाफ क्राइम कंट्रोल एक्ट (सीसीए) के तहत प्रस्ताव तैयार करें. साइबर क्राइम के लंबित मामलों के अनुसंधान के लिए थाना में इंस्पेक्टर को सहयोग करने के लिए थाना में अलग से दारोगा रैंक के अफसर को सहायक अनुसंधानक के रूप में तैनात किया जायेगा.
इसके अलावा साइबर मामले में सीसीआर डीएसपी को लगाया जायेगा. थाना में बैठे ओडी पदाधिकारी आम लोगों की शिकायत पर त्वरित कार्रवाई करें. शिकायतकर्ता के साथ वे शालीनता के साथ व्यवहार करें. इसके अलावा लंबित केस, वारंट का निष्पादन और फरार अपराधियों की गिरफ्तारी सुनिश्चित करने का निर्देश दिया. बैठक में एसपी ट्रैफिक अजीत पीटर डुंगडुंग, सिटी एसपी सुजाता कुमारी वीणापानी और ग्रामीण एसपी आशुतोष शेखर भी मौजूद थे.
एसएसपी ने इन महत्वपूर्ण बिंदुओं पर दिया निर्देश
चेन छिनतई, पर्स छिनतई, मोबाइल छिनतई, आर्म्स एक्ट, बाइक चोरी के केस में जेल जाने वाले अपराधियों का रिकॉर्ड रखने के लिए थाना में अलग पंजी तैयार करें.
क्राइम कंट्रोल के लिए जेल से जमानत पर निकले पुराने अपराधियों की गतिविधियों पर निगरानी रखें.
साइबर क्राइम के लंबित मामलों का अनुसंधान जल्द पूरा करें, ताकि साइबर अपराधियों को गिरफ्तार किया जा सके.
साइबर क्राइम के मामलों के अनुसंधान के लिए इंस्पेक्टर को सहयोग के लिए थाने में सहायक अनुसंधानक के रूप में सब इंस्पेक्टर पदस्थापित होंगे.
न्यायालय द्वारा समय-समय पर दिये गये निर्देश का अनुपालन थाना के स्तर से त्वरित गति से किया जाये.
थाना में बैठे ओडी (ऑफिसर ऑन ड्यूटी) शिकायत आने पर त्वरित कार्रवाई करें और आम लोगों के साथ शालीनता से व्यवहार करें, ताकि उन्हें परेशानी न हो.
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