रांची : सेट, सेल के कार्यपालक निदेशक काजल दास ने शुक्रवार को अंतरराष्ट्रीय सम्मेलन स्मार्ट 2019 की बाबत जानकारी दी. सम्मेलन 14 और 15 सितंबर को सेल, रांची में होगा. उन्होंने कहा कि स्पेशल स्टील उत्पादों का आयात प्रतिस्थापन मेक इन इंडिया का मील का पत्थर साबित होगा. यह स्पेशल स्टील उत्पाद है सीअारजीओ इस्पात. जिसका उपयोग ट्रांसफॉर्मर और अन्य विद्युत उपकरणों में होता है.
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आनेवाले समय में स्पेशल स्टील का कम होगा आयात : काजल
रांची : सेट, सेल के कार्यपालक निदेशक काजल दास ने शुक्रवार को अंतरराष्ट्रीय सम्मेलन स्मार्ट 2019 की बाबत जानकारी दी. सम्मेलन 14 और 15 सितंबर को सेल, रांची में होगा. उन्होंने कहा कि स्पेशल स्टील उत्पादों का आयात प्रतिस्थापन मेक इन इंडिया का मील का पत्थर साबित होगा. यह स्पेशल स्टील उत्पाद है सीअारजीओ इस्पात. […]
इसका ऑटोमोबाइल उद्योग के लिए ऑटो बॉडी इस्पात सहित देश की रक्षा और अंतरिक्ष कार्यक्रमों के लिए उपयोग होता है. अंतररष्ट्रीय सम्मेलन स्मार्ट 2019 में लगभग 6 मिलियन टन इस्पात आयात को कम करने के उपायों पर विचार किया जायेगा तथा कम लागत पर उत्पादन एवं गुणवत्ता में बढ़ोतरी कर देश को आत्मनिर्भर बनाने की दिशा में महत्वपूर्ण कदम होगा.
50 मिलियन टन उत्पादन का लक्ष्य
काजल दास ने बताया कि सेल ने वर्ष 2030 तक 50 मिलियन टन इस्पात उत्पादन का लक्ष्य रखा है, जो कि उस समय देश के इस्पात उत्पादन का लगभग 17 प्रतिशत होगा. स्वदेशी अनुसंधान से यह कोशिश रहेगी कि उस समय तक हमारा आयत न केवल शून्य हो जाये, बल्कि हम भारी मात्रा में निर्यात भी करें.
कार्यपालक निदेशक आरडीसीआइएस अजय अरोड़ा ने सम्मेलन के एक अन्य मिशन क्लीन एंड ग्रीन स्टील पर प्रकाश डाला. बताया कि सेल प्रति वर्ष लगभग 2.5 लाख स्टील गैस सिलिंडर का निर्माण कर रहा है. इस अवसर पर सम्मेलन की विवरणिका श्री दास और श्री अरोड़ा ने जारी की. वेबसाइट का भी उद्घाटन किया. इससे पहले आइआइएम के सचिव अजय कुमार सम्मेलन के बारे में विस्तार से जानकारी दी.
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