रांची : रांची लोकसभा का चुनाव छह मई को होना है. चुनाव से एक दिन पहले प्रमुख दल और उनके प्रत्याशी बूथ मैनेजमेंट में जुटे रहे. इस क्रम में कार्यकर्ताओं के साथ बैठक कर बूथों पर की गयी तैयारियों का जायजा लिया गया. रांची में दो हजार से अधिक बूथ हैं. अगर खर्च पर गौर करें, तो कुल खर्च हो रही राशि के करोड़ों में होने का आकलन है.
सब बनाते रहे रणनीति : कांग्रेस प्रत्याशी शनिवार से ही बूथ मैनेजमेंट को लेकर रणनीति बना रहे हैं. अलग-अलग विधानसभा में लोगों को जिम्मेवारी सौंपी गयी.
इधर भाजपा प्रत्याशी संजय सेठ अंतिम दिन बुद्धिजीवियों और कार्यकर्ताओं से मिले. भाजपा के बूथ मैनेजमेंट की जिम्मेवारी को प्रदेश नेतृत्व संभाल रहा है. वहीं निर्दलीय प्रत्याशी सह सांसद ने भी कार्यकर्ताओं के साथ बैठक कर बूथ बांटे. कार्यकर्ताओं को समझा-बुझा कर उन्हें बूथ पर बैठने के लिए राजी किया गया. वहीं दूसरी तरफ पार्टी के कार्यकर्ता मतदाता पर्ची बनाने और उसे क्षेत्र में लोगों के बीच बांटने में व्यस्त रहे.
बूथ मैनेजमेंट में 2500 से 8000 तक हो रहे खर्च : राजधानी में बूथ मैनेजमेंट पिछले चुनाव की तुलना में काफी महंगा हो गया है. सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार प्रत्येक बूथ पर 25 सौ से लेकर आठ हजार रुपये तक खर्च हो रहे हैं. प्रमुख दलों की ओर से बूथों पर अधिक राशि खर्च की जा रही है.
एक दल बूथ पर आठ हजार तो दूसरा दल बूथ पर पांच हजार रुपये तक खर्च कर रहा है. हालांकि ग्रामीण इलाकों में यह राशि थोड़ी कम हो जा रही है. वहीं गठबंधन के सहयोगी दल भी अपने स्तर पर बूथ मैनेजमेंट कर रहे हैं. गठबंधन समर्थित प्रत्याशी के लिए एक बूथ पर 2500 रुपये तक खर्च किये जा रहे हैं. निर्दलीय प्रत्याशी की ओर से भी बूथों पर बैठने वालों को राशि दी जा रही है.