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हाल बीएयू का : वेटनरी कॉलेज में 14 विभाग और 13 शिक्षक

मनोज सिंह हाल बीएयू का : चार विभाग में शिक्षक ही नहीं, कई में पीजी व पीएचडी की पढ़ाई बंद रांची : बिरसा कृषि विश्वविद्यालय (बीएयू) राज्य का एकमात्र कृषि विश्वविद्यालय है. यहां कई प्रकार के कोर्स का संचालन होता है, पर सभी कोर्स में पर्याप्त मात्रा में शिक्षक नहीं हैं. सबसे खराब स्थिति में […]

मनोज सिंह
हाल बीएयू का : चार विभाग में शिक्षक ही नहीं, कई में पीजी व पीएचडी की पढ़ाई बंद
रांची : बिरसा कृषि विश्वविद्यालय (बीएयू) राज्य का एकमात्र कृषि विश्वविद्यालय है. यहां कई प्रकार के कोर्स का संचालन होता है, पर सभी कोर्स में पर्याप्त मात्रा में शिक्षक नहीं हैं. सबसे खराब स्थिति में पशु चिकित्सा महाविद्यालय (वेटनरी कॉलेज) है. वेटनरी कॉलेज में हर साल स्नातक स्तर की पढ़ाई के लिए 60 विद्यार्थियों का नामांकन होता है.
पहले 40 विद्यार्थियों का नामांकन होता था. इन विद्यार्थियों को पढ़ाने के लिए कई विभागों में एक भी शिक्षक नहीं है. यहां शिक्षकों के स्वीकृत पदों की संख्या 79 है.
इसके एवज में मात्र 13 शिक्षकों के भरोसे कोर्स का संचालन हो रहा है, जबकि विभागों की संख्या 14 है. जिन विभागों में शिक्षक नहीं हैं, उस संकाय से एक भी विद्यार्थी पीएचडी या पीजी की पढ़ाई नहीं कर पा रहे हैं. कई विभाग तो एक मात्र शिक्षक के भरोसे हैं. सबसे अधिक स्थायी शिक्षक मेडिसिन विभाग में हैं. यहां चार शिक्षक हैं. वर्तमान में स्नातक के 120, स्नातकोत्तर के 14 तथा पीएचडी के दो विद्यार्थी हैं.
वीसीआइ ने नामांकन पर रोक लगा दी थी : वेटनरी काउंसिल ऑफ इंडिया (वीसीआइ) ने वर्ष 2015 में दो साल तक विद्यार्थियों के नामांकन पर रोक लगा दी थी.
इस कारण स्नातक स्तर पर नामांकन नहीं हो पाया था. इसका कारण संस्थान में आधारभूत संरचना व शिक्षकों की कमी बताया गया था. उस वक्त तत्कालीन कृषि सचिव डॉ नितिन मदन कुलकर्णी ने वीसीआइ को लिखित आश्वासन दिया था कि शिक्षकों की कमी दूर कर ली जायेगी. चार साल गुजर जाने के बाद भी स्थिति में कोई बदलाव नहीं हुआ है. स्थिति और खराब हो गयी है.
इस बीच विश्वविद्यालय ने ठेके पर कुछ शिक्षकों की नियुक्ति की है. शिक्षकों की कमी दूर करने के लिए झारखंड लोक सेवा आयोग को पत्र लिखा गया है. लोक सेवा आयोग ने 2017 में वैकेंसी भी निकाला था, लेकिन आज तक नियुक्ति नहीं हो पायी है.
आइसीएआर ने विद्यार्थी व पैसा देना बंद किया : रांची वेटनरी कॉलेज का 15 फीसदी सीट भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद (आइसीएआर) के विद्यार्थियों के लिए रिजर्व रखा जाता था. पिछले साल से परिषद ने विद्यार्थी देना बंद कर दिया. ऐसा शिक्षकों की कमी के कारण हुआ है.
इससे संबंधित अनुदान देना भी परिषद ने बंद कर दिया है. इंडियन वेटनरी एसोसिएशन, झारखंड शाखा के अध्यक्ष व संस्थान के पूर्व शिक्षक डॉ एसके सिन्हा का कहना है कि कॉलेज की स्थिति खराब हो गयी है. शिक्षकों की भारी कमी है. पढ़ाई नहीं हो रही है. विद्यार्थियों के भविष्य के साथ खिलवाड़ हो रहा है. इस मामले से विभाग, सरकार, जेपीएससी सबको अवगत कराया गया है, लेकिन नतीजा कुछ नहीं निकला है.
वेटनरी काउंसिल ऑफ इंडिया ने दो साल पहले नामांकन पर लगायी थी रोक
विभाग शिक्षक
वेटनरी सर्जरी एक
गायनोलॉजी एंड ऑब्सटेरिक्स एक
वेटनरी पारा सिटोलॉजी नहीं
वेटनरी बायोकेमेस्ट्री नहीं
वेटनरी पब्लिक हेल्थ नहीं
वेटनरी मेडिसिन चार
वेटनरी पैथोलॉजी एक
विभाग शिक्षक
वेटनरी फार्मोकोलॉजी एक
फिजियोलॉजी एक
जेनेटिक्स नहीं
माइक्रोबायोलॉजी एक
लाइव स्टॉक प्रोडक्ट टेक्नोलॉजी एक
एनॉटॉमी एक
एक्सटेंशन एजुकेशन दो

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