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रांची : …जब आजसू ने झामुमो को दिया जवाब, कहा, सौदेबाजी की राजनीति करता है झामुमो पांच माह में गुरुजी की सरकार गिरायी

सुदर्शन कंपनी की जानकारी पब्लिक डोमेन में, आयोग को दी है जानकारी जेएमएम यह बताये कि परिवारवाद पर पार्टी की नीति और नीयत क्या है? रांची : झामुमो और आजसू के बीच घमसान मचा है. दोनों ही पार्टियां एक-दूसरे पर निशाना साध रही हैं. पिछले दिनों झामुमो ने आजसू से पांच सवाल किये, तो गुरुवार […]

  • सुदर्शन कंपनी की जानकारी पब्लिक डोमेन में, आयोग को दी है जानकारी
  • जेएमएम यह बताये कि परिवारवाद पर पार्टी की नीति और नीयत क्या है?
रांची : झामुमो और आजसू के बीच घमसान मचा है. दोनों ही पार्टियां एक-दूसरे पर निशाना साध रही हैं. पिछले दिनों झामुमो ने आजसू से पांच सवाल किये, तो गुरुवार को आजसू ने पलटवार किया. आजसू ने झामुमो के सवालों का जवाब भी दिया और 12 सवाल पूछ डाले. पार्टी प्रवक्ता डॉ देवशरण भगत के हवाले से झामुमो को कटघरे में खड़ा किया.
आजसू ने झामुमो से पूछा है : केंद्र में नरसिम्हा राव की सरकार को बचाने के लिए झामुमो पर जो आरोप लगे और मुकदमे हुए उसमें झामुमो ने क्या झारखंड के वोट की सौदेबाजी नहीं की थी? झारखंड में पहले एनडीए की सरकार में शामिल होना फिर सरकार को गिराने के पीछे सिर्फ और सिर्फ हेमंत सोरेन की सत्तालोलुपता थी या कुछ और था?
पांच महीने में ही षड्यंत्र कर गुरुजी को मुख्यमंत्री पद से हटवा दिया और पुन: पांच महीने बाद इन्हीं आजसू और भाजपा के सहयोग से सरकार में उपमुख्यमंत्री बन बैठे. आजसू ने यह भी पूछा है कि स्थानीयता के सवाल पर झामुमो ने अर्जुन मुंडा की सरकार गिरा दी, लेकिन खुद सरकार में आकर स्थानीय नीति नहीं बना सके, आखिर क्यों? पहले मधु कोड़ा की सरकार बनाने के लिए आगे आना फिर समर्थन देना और बाद में उसे गिराकर सत्ता में बैठ जाना ये सौदेबाजी की राजनीति नहीं तो और क्या है? क्या सीएनटी एवं एसपीटी एक्ट में संशोधन के प्रस्ताव पर हेमंत सोरेन ने सहमति दी थी? गिरिडीह संसदीय सीट पर आजसू के चुनावी मैदान में उतरने से इतनी बेचौनी क्यों है? और सबसे बड़ा दल होने का गुमान था तो कांग्रेस के सामने चार सीटों पर घुटने क्यों टेके?
आजसू ने झामुमो से सवाल किया है कि एक दलित पुलिस अधिकारी की हत्या के आरोपी को गिरिडीह से उम्मीदवार बनाने के पीछे जेएमएम की मजबूरी रही या दागियों को संरक्षण देने की जेएमएम की फितरत रही है? क्या एक ही दिन में अलग-अलग जगहों पर सोलह संपत्तियों की रजिस्ट्री नहीं करायी गयी थी? हरमू में सीएनटी-एसपीटी एक्ट का उल्लंघन कर गरीब आदिवासी की जमीन कौड़ी के भाव नहीं खरीदे? क्या बसंत सोरेन ने पाकुड़ में खनन के काम गलत तरीके से हासिल नहीं किये हैं? जेएमएम को यह बताना चाहिए कि परिवारवाद पर पार्टी की नीति और नीयत क्या है? झारखंड यह भी जानना चाहता है कि जेएमएम के किन नेताओं ने कितनी जगहों पर सीएनटी-एसपीटी एक्ट का उल्लंघन कर संपत्तियां हासिल की है?
झामुमो बताये, आजसू ने किस दल के साथ बार्गेनिंग की
आजसू ने झामुमो के सवालों का जवाब देते हुए कहा है कि आजसू पार्टी ने किस दल के साथ कब बार्गेनिंग की राजनीति की, झामुमो को पहले यह बताना चाहिए. आजसू ने राज्य हित में ही हर फैसले लिये हैं. स्थानीयता पर पार्टी द्वारा चलाये गये पोस्टकार्ड अभियान के पश्चात स्थानियता नीति में कई संशोधन हुए हैं.
आजसू के आंदोलन के परिणाम स्वरूप ही सीएनटी/एसपीटी एक्ट में संशोधन के प्रस्ताव का निर्णय सरकार को वापस लेना पड़ा था. सुदर्शन कंपनी पब्लिक डोमेन में है और चुनाव आयोग को दिये जाने वाले हलफनामे में इसकी जानकारी उपलब्ध है. हिंडाल्को में ट्रांसपोर्टिंग का काम करने वाली कई कंपनियों में यह भी शामिल है. आजसू ने अपने जन अभियान या किसी आंदोलन में गिरिडीह संसदीय सीट की बात नहीं की. चुनाव का अहम आधार गठबंधन होता है. आजसू के स्वराज अभियान का मकसद चुनाव नहीं, बल्कि झारखंडियों को जागृत करना था.

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