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रांची : कई एसपी पुलिस मैनुअल का नहीं करते हैं पालन
अमन तिवारी प्रेस कांफ्रेंस के दौरान पुलिस अफसरों को बैठाने के बजाय उन्हें अपराधियों के साथ खड़ा कर दिया जाता है रांची : झारखंड के कई जिलों के एसपी पुलिस मुख्यालय और पुलिस मैनुअल की अनदेखी कर इंस्पेक्टर और सब इंस्पेक्टर रैंक के अधिकारियों को अपराधियों के साथ खड़ा छोड़ देते हैं. इसके बाद अपराधियों […]
अमन तिवारी
प्रेस कांफ्रेंस के दौरान पुलिस अफसरों को बैठाने के बजाय उन्हें अपराधियों के साथ खड़ा कर दिया जाता है
रांची : झारखंड के कई जिलों के एसपी पुलिस मुख्यालय और पुलिस मैनुअल की अनदेखी कर इंस्पेक्टर और सब इंस्पेक्टर रैंक के अधिकारियों को अपराधियों के साथ खड़ा छोड़ देते हैं. इसके बाद अपराधियों के साथ अपना फोटो खिंचवाते हैं. हाल के दिनों में विभिन्न जिलों में प्रेस कांफ्रेंस के दौरान ऐसे कई मामले सामने आये हैं, जिनमें एसएसपी/एसपी द्वारा अपराधियों के साथ पुलिस अफसरों को खड़ा छोड़ दिया जाता है.
जबकि डीजीपी के निर्देश के बाद 29 मार्च 2017 को आइजी कार्मिक ने आदेश जारी किया था. आदेश सभी जिलों के एसएसपी और एसपी के लिए था. जिसमें इस बात का उल्लेख था कि थाना स्तर के पदाधिकारी एवं इंस्पेक्टर द्वारा समय- समय पर नक्सलियों, अपराधियों, विस्फोटक पदार्थ, हथियार और आपत्तिजनक सामान को बरामद किया जाता है. पुलिस अफसरों का यह काम प्रशंसनीय है. लेकिन ऐसा देखा जाता है कि उक्त गिरफ्तारी एवं जब्ती के संबंध में एसपी के द्वारा प्रेस वार्ता में संबंधित पदाधिकारियों को, जिनके द्वारा उपलब्धि हासिल की जाती है, उन्हें दरकिनार कर दिया जाता है. उन्हें गिरफ्तार उग्रवादियों या अपराधियों के साथ खड़ा कर दिया जाता है. जिससे उनका मनोबल गिरता है.
इसलिए प्रेसवार्ता के दौरान थाना के पदाधिकारी और इंस्पेक्टर को उचित सम्मान एवं बैठने के लिए कुर्सी प्रदान किया जाये, ताकि उनका मनोबल बना रहे. पुलिस मैनुअल 695 के तहत भी प्रावधान है कि सब इंस्पेक्टर और इंस्पेक्टर रैंक के अफसर को बैठाने के लिए कुर्सी दी जाये. लेकिन अफसरों को बैठने के लिए कुर्सी नहीं देकर पुलिस मैनुअल की अनदेखी की जा रही है.
सिटी एसपी रांची सुजाता कुमारी वीणापाणि ने एक अप्रैल को गिरफ्तार साइबर अपराधियों को लेकर प्रेस कांफ्रेंस किया. इस दौरान अपराधियों के साथ सब इंस्पेक्टर रैंक का एक अफसर खड़ा रहा.
देवघर एसपी नरेंद्र कुमार ने हत्याकांड के एक मामले में 20 मार्च को अपराधियों की गिरफ्तारी और उनके पास से हथियार बरामदगी को लेकर प्रेस कांफ्रेंस किया. इस दौरान अपराधियों के साथ इंस्पेक्टर रैंक की एक महिला अधिकारी खड़ी रही.
खूंटी के एसपी आलोक कुमार ने अफीम और रुपये बरामदगी को लेकर तीन अप्रैल को प्रेस कांफ्रेंस कर आरोपियों के बारे में जानकारी दी. दस दौरान आरोपियों के साथ सब इंस्पेक्टर रैंक के कुछ अधिकारी खड़े नजर आये.
गोड्डा एसपी शैलेंद्र कुमार वर्णवाल ने चेकिंग के दौरान रुपये और गांजा बरामदगी को लेकर एक अप्रैल को प्रेस कांफ्रेंस कर गिरफ्तार अारोपी के बारे में जानकारी दी. इस दौरान सब इंस्पेक्टर रैंक के अफसर अपराधी के साथ खड़े रहे.
गिरिडीह के पुलिस अधीक्षक सुरेंद्र कुमार झा ने 28 मार्च को अपराधियों और उनके पास से हथियार बरामदगी को लेकर प्रेस कांफ्रेंस किया. लेकिन इस दौरान अपराधियों के साथ पुलिस अफसर भी खड़े नजर आये.
धनबाद के एसएसपी कौशल किशोर ने 17 मार्च को भारी मात्रा में हथियार बरामदगी को लेकर प्रेस कांफ्रेंस किया. इस दौरान अपराधियों के साथ सब इंस्पेक्टर रैंक के दो पुलिस अफसर भी खड़े नजर आये.
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