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रांची : पूर्व मंत्री केएन त्रिपाठी की शिकायत पर दर्ज केस में नहीं मिल रहे हैं ठोस साक्ष्य

रांची : पूर्व मंत्री केएन त्रिपाठी की शिकायत पर 16 जनवरी को दर्ज केस में पुलिस ने आरंभिक जांच पूरी कर ली है. लेकिन किसी आरोपी की संलिप्तता के संबंध में ठोस साक्ष्य नहीं मिले हैं. इसलिए पुलिस ने केस को दोबारा जांच में डाल दिया है. पुलिस के अनुसार केस दर्ज होने के बाद […]

रांची : पूर्व मंत्री केएन त्रिपाठी की शिकायत पर 16 जनवरी को दर्ज केस में पुलिस ने आरंभिक जांच पूरी कर ली है. लेकिन किसी आरोपी की संलिप्तता के संबंध में ठोस साक्ष्य नहीं मिले हैं. इसलिए पुलिस ने केस को दोबारा जांच में डाल दिया है.
पुलिस के अनुसार केस दर्ज होने के बाद केएन त्रिपाठी के नाम पर फर्जी लेटर भेजनेवालों की पहचान के लिए सीसीटीवी की जांच की गयी. लेकिन किसी की पहचान नहीं हो सकी. इसलिए प्राथमिकी में बनाये गये आरोपियों के अभियुक्तिकरण पर निर्णय नहीं लिया गया है. केस के अनुसंधानक को दोबारा कुछ बिंदुओं पर जांच करने का निर्देश दिया गया है. जांच में धोखाधड़ी से संबंधित आरोप की पुष्टि होने पर मामले में आगे की कार्रवाई की जायेगी.
क्या है मामला : उल्लेखनीय है कि कोतवाली थाना में केएन त्रिपाठी की शिकायत पर विजय तिवारी, अजय तिवारी, संजय तिवारी और आलोक तिवारी पर धोखाधड़ी का केस दर्ज किया गया था. उन्होंने चारों पर अपने लेटरपैड का फर्जी तरीके से गलत उपयोग करने के अलावा मानहानि का आरोप लगाया था. आरोप था कि 15 जनवरी को उन्हें पूर्व केंद्रीय मंत्री सीपी जोशी के पास से एक पत्र मिला, तब पता चला कि चारों ने मिल कर उनके लेटरपैड का गलत उपयोग किया था.
पत्र में उनका फर्जी हस्ताक्षर भी स्कैन कर डाल दिया गया. इसके बाद पत्र को राहुल गांधी, सोनिया गांधी और पार्टी के बड़े नेताओं, सांसद सहित अन्य लोगों को भेज दिया था. पत्र में केएन त्रिपाठी के पार्टी छोड़ने से संबंधित बात लिखी हुई थी. केएन त्रिपाठी के नाम पर भेजे गये पत्र में कई अन्य गंभीर आरोप भी थे.

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