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रांची : सुप्रीम कोर्ट से योगेंद्र साव की जमानत रद्द, भेजे जायेंगे जेल
झारखंड में केस के नाम पर कहीं और जाते थे पूर्व मंत्री रांची/नयी दिल्ली : सुप्रीम कोर्ट ने पूर्व मंत्री योगेंद्र साव की जमानत गुरुवार को रद्द कर दी. दंगा करने और हिंसा भड़काने के मामलों के आरोपी योगेंद्र साव ने जमानत की शर्तों का उल्लंघन किया था. अब योगेंद्र साव सुप्रीम कोर्ट के आदेश […]
झारखंड में केस के नाम पर कहीं और जाते थे पूर्व मंत्री
रांची/नयी दिल्ली : सुप्रीम कोर्ट ने पूर्व मंत्री योगेंद्र साव की जमानत गुरुवार को रद्द कर दी. दंगा करने और हिंसा भड़काने के मामलों के आरोपी योगेंद्र साव ने जमानत की शर्तों का उल्लंघन किया था. अब योगेंद्र साव सुप्रीम कोर्ट के आदेश की सर्टिफाइड कॉपी लेने के बाद कोर्ट में सरेंडर करेंगे.
इसके बाद उन्हें होटवार जेल में रखा जायेगा. जस्टिस एसए बोबड़े, जस्टिस एस अब्दुल नजीर और जस्टिस इंदिरा बनर्जी की पीठ ने आदेश में कहा कि वे इस बात से संतुष्ट हैं कि साव ने दिसंबर, 2017 में लगायी गयी शर्तों का उल्लंघन किया और वह अनधिकृत रूप से झारखंड में मौजूद पाये गये थे. शीर्ष अदालत ने साव को भोपाल में रहने का आदेश दिया था.
18 मामले रांची स्थानांतरित : पीठ ने साव व उनकी पत्नी विधायक निर्मला देवी के खिलाफ लंबित 18 मामले हजारीबाग की अदालत से रांची जिला जज की अदालत में स्थानांतरित कर दिये. हालांकि पीठ ने निर्मला देवी की जमानत रद्द करने का राज्य सरकार का अनुरोध यह कहते हुए ठुकरा दिया कि जमानत की शर्तों का मामूली हनन हुआ है.
पीठ ने निर्मला देवी का यह अनुरोध ठुकरा दिया कि उन्हें भोपाल की बजाय पटना में रहने की अनुमति दी जाये. राज्य सरकार की ओर से शपथ पत्र देकर तीन बिंदुओं पर एतराज जताया गया था. कहा गया था कि साव दंपती गवाहों को प्रभावित कर रहे हैं. अनुसंधानकर्ता और पीपी को धमकी दे रहे हैं. लेकिन इस बात को अदालत ने खारिज कर दिया.
साव की पत्नी विधायक निर्मला देवी को भोपाल में रहना होगा
झारखंड सरकार ने कोर्ट में शपथ पत्र देकर बताया
था कि जमानत की शर्तों का उल्लंघन कर रहे साव
सुप्रीम कोर्ट से सर्टीफाइड कॉपी लेने के बाद योगेंद्र साव कोर्ट में करेंगे सरेंडर, बिरसा केंद्रीय कारा में रहेंगे
साव और निर्मला से जुड़े लंबित तकरीबन 18 मामलों की अब रांची जिला जज की कोर्ट में होगी सुनवाई
क्या आरोप है साव दंपती पर
ग्रामीणों और पुलिस के बीच हजारीबाग के चिरुडीह में हुई हिंसक झड़पों से जुड़े मामले में योगेंद्र साव और निर्मला देवी आरोपी हैं. इस घटना में चार लोग मारे गये थे. पुलिस के मुताबिक कांग्रेस विधायक निर्मला देवी ने एनटीपीसी अधिकारियों के खिलाफ आंदोलन का नेतृत्व किया था.
कंपनी ने बड़कागांव में ग्रामीणों को जबरन हटाने की कथित कोशिश की थी, जबकि उन्हें वाजिब मुआवजा नहीं दिया था और उनके उचित पुनर्वास का इंतजाम भी नहीं किया था.
आधा दर्जन संगीन मामलों में चार्जशीटेड हैं योगेंद्र साव
2007 में बड़कागांव थाना में हथियार से पुलिस पर हमला करने का आरोप
2010 में केरेडारी थाना में एनटीपीसी के जीएम के साथ मारपीट का मामला
2011 में केरेडारी थाना में बड़कागांव के बीडीओ के साथ मारपीट का मामला
2011 में गिद्दी थाना में रामगढ़ के रांची रोड निवासी विरेंद्र प्रसाद राय से पांच लाख रुपए की रंगदारी मांगने का मामला
2012 में केरेडारी थाना में हथियार से लैस होकर पुलिस पर हमला और जख्मी करने का मामला
2014 में गिद्दी थाना में उग्रवादी संगठन बनाने, हथियार उपलब्ध कराने का आरोप
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