31 मार्च को समाप्त हो रही है मुख्य सचिव सुधीर त्रिपाठी की एक्सटेंशन अवधि
रांची : राज्य के मुख्य सचिव सुधीर त्रिपाठी को दूसरी बार दी गयी सेवा विस्तार की अवधि 31 मार्च को समाप्त हो रही है. श्री त्रिपाठी 30 सितंबर 2018 को सेवानिवृत्त हुए थे. उसके बाद राज्य सरकार की अनुशंसा पर उनको दो बार तीन-तीन महीने का एक्सटेंशन प्रदान किया गया.
31 मार्च के बाद बिना चुनाव आयोग की अनुमति के मुख्य सचिव का पदस्थापन नहीं किया जा सकेगा. वर्तमान मुख्य सचिव को अवधि विस्तार देने या फिर नये मुख्य सचिव की नियुक्ति करने के लिए चुनाव आयोग की स्वीकृति आवश्यक होगी. आयोग द्वारा संबंधित प्रस्ताव की मंजूरी के बाद ही राज्य में नये मुख्य सचिव को पदस्थापित किया जा सकेगा. हालांकि, राज्य सरकार ने अब तक मुख्य सचिव को अवधि विस्तार देने या नये मुख्य सचिव को नियुक्त करने से संबंधित कोई प्रस्ताव तैयार नहीं किया है.
एक्सटेंशन या कांट्रैक्ट पर नियुक्त अफसरों को चुनाव कार्य में नहीं लगाने का है निर्देश
सुधीर त्रिपाठी को एक बार फिर से अवधि विस्तार देने में परेशानी हो सकती है. वर्ष 2018 में संपन्न हुए चार राज्यों (मध्य प्रदेश, राजस्थान, छत्तीसगढ़ और मिजोरम) के विधानसभा चुनाव के मद्देनजर चुनाव आयोग ने एक्सटेंशन पर, रिटायरमेंट के बाद राज्य सरकार द्वारा संविदा सेवा या अन्य किसी काम में लगाये गये व्यक्ति को चुनाव से जुड़े कार्यों में नहीं लगाये जाने का निर्देश दिया था.
मुख्य सचिव पर होता है चुनाव आयोग के निर्देशों के अनुपालन का दायित्व
चुनाव आयोग के आदेशों का अनुपालन करने का दायित्व मुख्य सचिव का ही होता है. ऐसे में मुख्य सचिव चुनाव कार्य से अलग नहीं रह सकते हैं.
सेवानिवृत्ति के बाद दोबारा सेवा में आये अफसरों से किसी संसदीय सीट, क्षेत्र या जिले में भी चुनावी कार्य नहीं लिया जा सकता है. ऐसे में प्रभारी मुख्य सचिव काे पद पर बने रहने में मुश्किल हो सकती है. हालांकि, अफसर के ट्रैक रिकाॅर्ड के आधार पर आयोग स्वयं अपने निर्देशों में संशोधन भी कर सकता है. ऐसी स्थिति में श्री त्रिपाठी को अवधि विस्तार मिल सकता है.
राजस्थान और मध्य प्रदेश में नहीं मिल सका था मुख्य सचिव काे एक्सटेंशन का मौका
2018 में विधानसभा चुनाव के दौरान राजस्थान में मुख्य सचिव रहे एनसी गोयल और मध्य प्रदेश के मुख्य सचिव रहे बीपी सिंह को भी एक्सटेंशन देने की कवायद की गयी थी. लेकिन, दोनों में से किसी को भी एक्टेंशन नहीं दिया जा सका था.