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रांची : कृषि यांत्रिकीकरण का टेंडर किया गया स्थगित
रांची : महिला स्वयं सहायता समूहों को 80 करोड़ रुपये की लागत से बांटे जाने वाले कृषि यंत्र (कृषि यांत्रिकीकरण स्कीम के तहत) के लिए निकाले गये राज्यादेश में सुधार किया जायेगा. यह काम अब भूमि संरक्षण निदेशालय से कराने का प्रस्ताव तैयार किया जा रहा है. पूर्व में निकाले गये राज्यादेश में काम कराने […]
रांची : महिला स्वयं सहायता समूहों को 80 करोड़ रुपये की लागत से बांटे जाने वाले कृषि यंत्र (कृषि यांत्रिकीकरण स्कीम के तहत) के लिए निकाले गये राज्यादेश में सुधार किया जायेगा. यह काम अब भूमि संरक्षण निदेशालय से कराने का प्रस्ताव तैयार किया जा रहा है. पूर्व में निकाले गये राज्यादेश में काम कराने की जिम्मेदारी झारखंड एग्रीकल्चरल मशीनरी टूल्स एंड ट्रेनिंग सेंटर (जेएएमटीटीसी) को दी गयी थी.
राज्यादेश में पैसा पीएल खाते में डाले जाने का जिक्र किया गया था. इसमें भी सुधार किया जायेगा. पीएल खाता में पैसा डालने की अनुमति वित्त विभाग से ली जायेगी. जेएएमटीटीसी द्वारा यंत्र बांटने वाली एजेंसी के चयन की प्रक्रिया के लिए निकाला गया टेंडर भी रद्द किया जायेगा. फिलहाल इसे स्थगित किया गया है.
जेएएमटीटीसी को बनाया था नोडल एजेंसी : कृषि, पशुपालन एवं सहकारिता विभाग ने इस स्कीम के संचालन के लिए राज्यादेश वित्तीय वर्ष समाप्त होने से दो माह पहले एक फरवरी को निकाला है. दो माह में चार हजार महिला समूहों के बीच कृषि यंत्र बांटे जाने हैं.
राज्यादेश में ही जिक्र कर दिया गया है कि पैसा निकालकर जेएएमटीटीसी के पीएल खाते में डाल दिया जाये. जेएएमटीटीसी को नोडल एजेंसी बना दिया गया था. विभाग ने मूल राज्यादेश में कृषि यांत्रिकीकरण का काम पूर्व की तरह भूमि संरक्षण निदेशालय से करने का प्रस्ताव दिया था.राज्यादेश में कृषि उपकरणों को सूचीबद्ध करने के लिए एकल एजेंसी के चयन का प्रस्ताव था. इसमें संशोधित करते हुए कई एजेंसियों को शामिल करने का निर्णय कर लिया गया है. यंत्र 90 फीसदी अनुदान पर महिला समूहों को देना है.
विभाग ने जारी किया था संकल्प
तत्कालीन कृषि सचिव अरुण कुमार सिंह के कार्यकाल में इस स्कीम को लांच किया गया था. कृषि यांत्रिकीकरण प्रोत्साहन योजना को लेकर विभाग ने संकल्प जारी किया था.
इस संकल्प में स्पष्ट रूप से जिक्र है कि कृषि अभियंत्रण एवं फॉर्म मशीनरी निदेशालय के गठन होने तक इस योजना के नोडल पदाधिकारी भूमि संरक्षण निदेशक होंगे. निदेशक भूमि संरक्षण, झारखंड फॉर्म मशीनरी परीक्षण के लिए प्राधिकृत संस्थानों द्वारा सत्यापित मानक, आइएओ, बीआइएस, प्रमाणित कृषि यंत्रों के निर्माताओं, अधिकृत विक्रेताओं, आपूर्तिकर्ताओं को सूचीबद्ध करते हुए उसकी अद्यतन सूची सभी संबंधित पदाधिकारियों को उपलब्ध करायेंगे.
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