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मेसरा : चुटु में विधायक आवास के लिए जमीन मापी के विरोध में ग्रामीणों का प्रदर्शन
मेसरा : सरकार द्वारा भूमिहीनों को दान में दी गयी जमीन पर विधायक आवास के लिए मापी करने के विरोध में रविवार को चुटु व आसपास के ग्रामीणों ने हथियार के साथ प्रदर्शन किया. इस दौरान कांके कांग्रेस ग्रामीण जिलाध्यक्ष सुरेश बैठा ने कहा कि तत्कालीन प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी द्वारा वर्ष 1971 में यहां के […]
मेसरा : सरकार द्वारा भूमिहीनों को दान में दी गयी जमीन पर विधायक आवास के लिए मापी करने के विरोध में रविवार को चुटु व आसपास के ग्रामीणों ने हथियार के साथ प्रदर्शन किया. इस दौरान कांके कांग्रेस ग्रामीण जिलाध्यक्ष सुरेश बैठा ने कहा कि तत्कालीन प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी द्वारा वर्ष 1971 में यहां के 16 भूमिहीन परिवारों को 52 एकड़ जमीन दी गयी थी. कांके अंचल के अधिकारियों ने या तो गलत रिपोर्ट देकर सरकार को गुमराह किया है या उनसे चूक हुई है. क्योंकि कानून के तहत दी गयी जमीन वापस नहीं ली जा सकती है.
इससे पूर्व चुटु, मंझला चुटु, छोटका चुटु, रेंडो, लोहरा तोला, मुंडा टोला, महतो टोला के सैकड़ों ग्रामीण पंचायत सचिवालय चुटु से रैली के रूप में डुगडुगिया टांड पहुंचे. रैली यहां पहुंचकर सभा में तब्दील हो गयी. सभा को संबोधित करते हुए चुटु मुखिया सोमनाथ मुंडा ने कहा कि सरकार भूमिहीनों को जमीन दी. वर्तमान समय में भी पंजी-2 में नाम चढ़ा हुआ है. साथ ही रसीद भी जारी की जा रही है. पंचायत समिति सदस्य प्रतिभा देवी ने कहा कि बिना ग्रामसभा व पंचायत के स्वीकृति के सरकार जमीन अधिग्रहित नहीं कर सकती है.
डॉ प्रदीप मुंडा ने कहा कि सरकार भूमिहीनों को बिना बसाये नहीं उजाड़ सकती है. भूमिहीन रैयत काशीनाथ करमाली व अनिता केरकेटा ने भी अपनी बात रखी. कार्यक्रम के दौरान सर्वसम्मति से निर्णय लिया गया कि मंगलवार को पांच फरवरी को चुटु से कांके अंचल कार्याल तक पैदल मार्च कर अंचल कार्यालय का घेराव किया जायेगा.
प्रदर्शन में ये लोग थे मौजूद : मौके पर कौशल्या देवी, शांति देवी, जयंती देवी, गीता देवी, लक्ष्मी देवी, वीणा देवी, आरती देवी, श्याम उरांव, बिनोद लोहरा, धरमू मुंडा, बीगल मुडा, चारकु करमाली, काशीनाथ करमाली, झकलु करमाली, धीरजु मिर्धा, सोहराई उरांव, कंदरू करमाली, राजू मुंडा, सुनील उरांव, भादवा करमाली, छकन करमाली, मंगरा उरांव,बाबूलाल मिर्धा, शिला देवी, सोनिया देवी, अनिता देवी, केशो देवी, सुकर मनी देवी, उमेश लोहरा, रामदेव उरांव आदि मौजूद थे.
क्या है मामला
वर्ष 1970-71 में खाता नंबर 118 प्लॉट नंबर 115 रकवा 82 एकड़ 39 डिसमिल जमीन में से 52 एकड़ जमीन 16 भूमिहीन परिवारों को दी गयी थी. कानूनी प्रक्रिया के तहत इस जमीन की रसीद भी जारी की जाने लगी. इस जमीन पर भूमिहीन घर बनाकर खेतीबाड़ी कर रहे हैं.
दो फरवरी को अंचल कार्यालय से संबंधित पदाधिकारी अमीन के साथ पुलिस बल की मौजूदगी में विधायक आवास के लिए मापी का कार्य करवा रहे थे. जब ग्रामीणों को इसकी जानकारी मिली, तो उन्होंने विरोध शुरू कर दिया. इसके बाद मापी को बीच में रोक दिया गया.
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