जमशेदपुर/रांची: झारखंड के आधे से अधिक हिस्से में खनन सर्वेक्षण करने की किसी भी निजी कंपनी को इजाजत नहीं दी जायेगी. इस पर भारत सरकार ने रोक लगा दी है.
भारत सरकार ने इन क्षेत्रों को प्रतिबंधित करते हुए यह भी तय किया है कि सर्वेक्षण (चाहे हवाई हो या फिर धरातल पर होने वाली जांच) सिर्फ जियोलॉजिकल सर्वे ऑफ इंडिया (भारतीय भूवैज्ञानिक सर्वेक्षण) ही करेगा. इसे किसी भी निजी एजेंसी को आवंटित नहीं किया जायेगा. इसकी जानकारी सभी जिले के खनन पदाधिकारियों को भेजी गयी है. बताया जाता है कि हर जिले में खनन सर्वेक्षण के लिए जरूरी आविक्षीय अनुज्ञप्ति (रिकरेंस परमिट) के कई मामले लंबित हैं.
इन मामलों का निबटारा करने के लिए खनन विभाग की ओर से केंद्र सरकार से मंजूरी मांगी गयी थी. इसके बाद खनन विभाग को यह निर्देश दिया गया है. झारखंड में अलग-अलग आठ ब्लॉक तैयार किये गये हैं, जिसके तहत यह रोक लगायी गयी है. बचे हुए हिस्से में निजी कंपनियों को सर्वेक्षण का काम करने की इजाजत दी गयी है. इसके लिए खनन विभाग की ओर से रांची में राज्यस्तरीय मीटिंग 27 जून को बुलायी गयी है, जिसमें तमाम लंबित आवेदनों पर फैसला लिया जायेगा. इस रोक के दायरे में कोल्हान के तीनों जिले के अधिकांश हिस्से शामिल हैं, जिसमें सर्वाधिक पश्चिमी सिंहभूम और सरायकेला-खरसावां का इलाका है. हालांकि, पूर्वी सिंहभूम का भी आधा हिस्सा को इसके दायरे में ही रखा गया है.