प्रणव, रांची :
रांची नगर निगम में टेंडर कुछ इस कदर होता है कि सिर्फ डिप्टी मेयर संजीव विजयवर्गीय के बेटे हर्ष विजयवर्गीय और करीबी विनीत वर्मा को ही इसका पता चलता है. रांची के जिला पंचायत राज पदाधिकारी की रिपोर्ट इस बात की पुष्टि करती है.
जांच में यह बात सामने आयी है कि 09 नवंबर 2017 को वार्ड संख्या 07 और 09 के सड़क निर्माण कार्य का ऑनलाइन टेंडर आमंत्रित किया गया था. इसमें दो निविदाकार मेसर्स पीयूष इंटरप्राइजेज और मेसर्स मेघा कंस्ट्रक्शन ने टेंडर डाला. मेघा कंस्ट्रक्शन डिप्टी मेयर के बेटे हर्षित विजयवर्गीय की और पीयूष इंटरप्राइजेज डिप्टी मेयर के करीबी विनीत वर्मा की है.
- रांची के जिला पंचायत राज पदाधिकारी की रिपोर्ट में हुई है इसकी पुष्टि
- अधिकारी ने कहा, टेंडर के संबंध में व्यापक प्रचार-प्रसार की जरूरत
- उग्रवादियों की खोज में लतरातू जंगल में पुलिस की छापेमारी
दस्तावेज की पड़ताल में रांची नगर निगम ने दोनों एजेंसियों को कार्य के योग्य पाया. 07 दिसंबर 2017 को निगम की प्रोक्यूरमेंट कमेटी की बैठक में न्यूनतम दर के कारण कार्य पीयूष इंटरप्राइजेज को दोनों ही सड़कों का कार्य आवंटित कर दिया गया. लेकिन, एकरारनामा के पूर्व कार्यपालक अभियंता ने स्थल का निरीक्षण किया.
इस दौरान यह पाया गया कि नरेंद्र मिश्रा के घर से सुनील का घर होते हुए शंभु के घर तक 700 फिट लंबे पथ की स्थिति काफी खराब रहने के कारण स्थानीय लोगों ने आपसी सहयोग से बोल्डर सोलिंग का कार्य कराया हुआ था. इसलिए बोल्डर सोलिंग की मात्रा को ध्यान में रखते हुए संवेदक के साथ एकरारनामा किया गया.
रिपोर्ट में जिला पंचायती राज ने दिया अपना मंतव्य
मामले में जिला प्रशासन द्वारा लोकायुक्त को भेजे प्रारंभिक रिपोर्ट में जिला पंचायती राज ने अपना मंतव्य भी दिया है. इन्होंने रांची नगर निगम के जवाब को सही माना है. कहा है कि टेंडर को लेकर व्यापक प्रचार-प्रसार करने के लिए निर्देश दिया जा सकता है, ताकि टेंडर की प्रक्रिया में अधिक से अधिक प्रतिभागी शामिल हो सके.
बता दें कि इस मामले में शत्रुघ्न अग्रवाल ने लोकायुक्त कार्यालय से शिकायत की थी. इसके बाद रांची डीडीसी से लोकायुक्त जस्टिस डीएन उपाध्याय ने रिपोर्ट तलब की थी.
डिप्टी मेयर व उनके परिवार की एसीबी जांच का है आदेश
इस मामले से पहले से ही बबन चौबे की शिकायत पर लोकायुक्त ने डिप्टी मेयर, इनकी पत्नी और पुत्र के अलावा पीयूष इंटरप्राइजेज एवं मेघा कंसट्रक्शन के कार्यों की जांच के लिए एंटी करप्शन ब्यूरो को आदेश दे चुके हैं.