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सदर अस्पताल रांची में प्रोत्साहन राशि घोटाला
रांची : सदर अस्पताल रांची में सिजेरियन अॉपरेशन (सी-सेक्शन) के लिए बंटने वाली प्रोत्साहन राशि में भारी अनियमितता की सूचना है. अस्पताल प्रबंधन ने यह राशि वैसे लोगों को भी बांट दी है, जो इसके हकदार नहीं हैं. वहीं, बाद में कुल रकम में से कुछ छोड़ कर उनसे पैसे वापस ले लिये जा रहे […]
रांची : सदर अस्पताल रांची में सिजेरियन अॉपरेशन (सी-सेक्शन) के लिए बंटने वाली प्रोत्साहन राशि में भारी अनियमितता की सूचना है. अस्पताल प्रबंधन ने यह राशि वैसे लोगों को भी बांट दी है, जो इसके हकदार नहीं हैं. वहीं, बाद में कुल रकम में से कुछ छोड़ कर उनसे पैसे वापस ले लिये जा रहे हैं.
अस्पताल में कार्यरत तीन एएनएम (तकनीकी कारणों से नाम नहीं दे रहे) को क्रमश: 69 हजार तथा 90-90 हजार रुपये उनके खाते में दिये गये तथा बाद में ले लिये गये. इससे अस्पताल में प्रोत्साहन राशि में घोटाले की आशंका से इनकार नहीं किया जा सकता.
गौरतलब है कि जिले भर के सरकारी अस्पतालों में चिकित्सकों सहित उन स्वास्थ्य कर्मियों में, जिन्होंने सिजेरियन अॉपरेशन में भाग लिया या सहयोग किया है, के बीच बांटने के लिए सिविल सर्जन, रांची को डेढ़ करोड़ रुपये मिले हैं. वित्तीय वर्ष 2017-18 में 70 लाख तथा चालू वित्तीय वर्ष में 80 लाख रुपये. अभी इसमें से 50 लाख रुपये ही बंटे हैं, पर इसमें गड़बड़ी की बात सामने आ रही है.
गड़बड़ी की पुष्टि की
इससे पहले इसी अस्पताल की कुछ एएनएम ने अस्पताल प्रबंधक अंतरा झा व अन्य पर उन्हें मिली प्रोत्साहन राशि में से हिस्सा मांगने का आरोप लगाया है. इस मामले की जांच के लिए तीन चिकित्सकों डॉ विनोद कुमार, डॉ विमलेश कुमार सिंह तथा डॉ नरेश भगत की जांच कमेटी बनायी थी. कमेटी ने अभी जांच रिपोर्ट तो नहीं दी है, पर डॉ भगत तथा डॉ विमलेश ने यह स्वीकारा है कि एएनएम की शिकायत सही है तथा बड़े पैमाने पर गड़बड़ी हुई है.
किसी की परवाह नहीं
एएनएम की शिकायत मामले में एनएचएम की अोर से सिविल सर्जन से दो दिनों में रिपोर्ट मांगी गयी थी, जो इन्होंने नहीं दी. इसके बाद तीन चिकित्सकों की टीम बना कर इसे भी दो दिनों में रिपोर्ट देने को कहा गया, पर रिपोर्ट नहीं मिली. एनएचएम ने सिविल सर्जन व अन्य को फिर से रिमाइंडर देकर 24 घंटे के अंदर यह कह कर संबंधित कागजात मांगे कि ऐसा नहीं करने पर विभाग व एमडी (एनएचएम) को इसकी जानकारी दे दी जायेगी. पर फिर भी कागजात नहीं मिले.
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