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आगमन का पुण्यकाल-10 : खुश रहें, सकारात्मक रहें और प्यार भरा जीवन जियें
फादर अशोक कुजूर एक दिन एक प्रोफेसर ने अपने विद्यार्थियों से कहा कि उनकी औचक परीक्षा ली जायेगी़ सभी विद्यार्थी तैयार होकर प्रश्न पत्र का इंतजार करने लगे़ प्रोफेसर ने प्रश्न पत्र बांट दिया़ विद्यार्थी हैरान थे, क्योंकि प्रश्न पत्र में कोई प्रश्न नहीं था़ पूरे कागज में सिर्फ एक बिंदु था़ प्रोफेसर ने कहा […]
फादर अशोक कुजूर
एक दिन एक प्रोफेसर ने अपने विद्यार्थियों से कहा कि उनकी औचक परीक्षा ली जायेगी़ सभी विद्यार्थी तैयार होकर प्रश्न पत्र का इंतजार करने लगे़ प्रोफेसर ने प्रश्न पत्र बांट दिया़ विद्यार्थी हैरान थे, क्योंकि प्रश्न पत्र में कोई प्रश्न नहीं था़ पूरे कागज में सिर्फ एक बिंदु था़ प्रोफेसर ने कहा कि जो नजर आ रहा है, उसपर जवाब लिखे़ं
विद्यार्थियों को समझ में नहीं आ रहा था कि क्या लिखे़ं लेकिन प्रोफेसर के कहे अनुसार उन्होंने लिखना शुरू किया़ कुछ समय बाद परीक्षा समाप्ति की घोषणा कर प्रोफेसर ने पेपर वापस ले लिये. वहीं पर जवाब भी पढ़ना शुरू किया़ सभी ने तकरीबन एक जैसा जवाब दिया था़
किसी ने बिंदु को परिभाषित करने का प्रयास किया, तो किसी ने बिंदु की लंबाई-चौड़ाई पर लेख लिखा़ अंत में प्रोफेसर ने समझाना शुरू किया और कहा- किसी ने भी सफेद हिस्से पर कुछ नहीं लिखा है़ सभी ने काले धब्बे पर अपना ध्यान केंद्रित कर रखा था़
हम अपने जीवन में भी ऐसा ही करते हैं. हमारे पास पूरा सफेद पन्ना है, पर हमारा ध्यान छोटे से काले बिंदु रूपी छोटी-छोटी समस्याओं पर रहता है़ हम परेशानियों की सोच कर छोटी-छोटी खुशियां ढूंढ़ना बंद कर देते हैं, जबकि हमारे जीवन में खुशी मनाने के कारण ज्यादा हैं. इसलिए खुश रहें, सकारात्मक रहें और एक प्यार भरा जीवन जिये़ं आगमन काल उम्मीद का समय है़ हम भी जीवन में छोटी- छोटी खुशियों को ढूंढ़ने का प्रयास करे़ंलेखक डॉन बॉस्को यूथ एंड एजुकेशनल सर्विसेज बरियातू के निदेशक हैं
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