रांची: फरजी डॉक्यूमेंट के आधार पर न्यायालय से जमानत लेने के आरोपी राम कुमार रावत को तीन साल की कठोर कारावास एवं पांच हजार रुपये जुर्माने की सजा सुनायी गयी है.
जुर्माना नहीं देने पर तीन माह की अतिरिक्त सजा काटनी होगी. सजा सीबीआइ के विशेष अनुमंडलीय न्यायिक दंडाधिकारी एसबी ओझा की अदालत ने सजा सुनायी.
मामले में सीबीआइ के सहायक लोक अभियोजक सुशील कुमार ने अभियोजन की ओर से बहस की. यह मामला आरसी 4/98 से जुड़ा है. हत्या के एक मामले में गिरिडीह थाना में आरोपी रहे रामकुमार रावत और कुख्यात अपराधी शैलेंद्र कहार ने फरजी डॉक्यूमेंट के आधार पर पटना उच्च न्यायालय (रांची बेंच) से जमानत ले ली थी. इस मामले में न्यायालय के निर्देश पर सीबीआइ ने जांच कर रामकुमार रावत के खिलाफ चाजर्शीट सौंपी, जिसके बाद न्यायालय ने राम कुमार को दोषी पाकर सजा सुनायी. इस मामले के एक अन्य अभियुक्त शैलेंद्र कहार की ट्रायल के दौरान ही मौत हो चुकी थी.