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रांची : मुख्य अभियंता को शीघ्र पद से हटायें सचिव: लोकायुक्त
रांची : सुवर्णरेखा बहुद्देशीय परियोजना (जमेशदपुर) के मुख्य अभियंता वीरेंद्र कुमार राम के खिलाफ कार्रवाई करने का आदेश लोकायुक्त जस्टिस डीएन उपाध्याय ने दिया है. सोमवार को जारी आदेश में कहा गया है कि निविदा में दिये गये शर्तों के विपरीत पक्षपातपूर्ण रवैया अपनाते हुए पद का दुरुपयोग कर मेसर्स गौरव कांट्रेक्टर्स प्राइवेट लिमिटेड को […]
रांची : सुवर्णरेखा बहुद्देशीय परियोजना (जमेशदपुर) के मुख्य अभियंता वीरेंद्र कुमार राम के खिलाफ कार्रवाई करने का आदेश लोकायुक्त जस्टिस डीएन उपाध्याय ने दिया है. सोमवार को जारी आदेश में कहा गया है कि निविदा में दिये गये शर्तों के विपरीत पक्षपातपूर्ण रवैया अपनाते हुए पद का दुरुपयोग कर मेसर्स गौरव कांट्रेक्टर्स प्राइवेट लिमिटेड को ठेका दिया गया. अत: जल संसाधन विभाग के अपर मुख्य सचिव तत्काल मुख्य अभियंता वीरेंद्र कुमार राम को पद से हटाते हुए विभागीय कार्रवाई करें. तीन माह के अंदर उन पर कार्रवाई कर रिपोर्ट सौंपे.
लोकायुक्त ने यह भी कहा है कि मेसर्स गौरव कांट्रेक्टर्स प्राइवेट लिमिटेडने टेंडर हासिल करने के लिए फर्जी दस्तावेज का उपयोग किया. इसलिए इसके खिलाफ भी विधिसम्मत कार्रवाई जरूरी है. जरूरी होने पर इस पर प्राथमिकी भी दर्ज करायी जा सकती है. मामले की जांच में कई तरह की त्रुटियां लोकायुक्त ने पायी है.
गौरव कांट्रेक्टर के दस्तावेजों में गड़बड़ी आयी सामने
-बैंक सोलवेंसी सर्टिफिकेट जाली निकला, लेबर लाइसेंस भी नहीं था.
-कार्य अनुभव प्रमाण पत्र भी फर्जी पाया गया. गुमला में काम करने की बात कही थी, लेकिन जांच में सही नहीं पाया गया.
-जिस पते पर मेसर्स गौरव कांट्रैक्टर प्रालि निबंधित है, वहां कोई दफ्तर नहीं मिला.
-गौरव कांट्रैक्टर 2004 में निबंधित हुआ. 2007 में इसकाे लाइसेंस नवीकरण कराना था. लेकिन लाइसेंस का नवीकरण नहीं कराया. नियम के तहत इसका लाइसेंस स्वत: रद्द माना जाता. लेकिन 2011 में किसी तरह इसने लाइसेंस का नवीकरण करा लिया.
-गौरव कांट्रैक्टर का पता 2016 में सरायकेला जिला दिखाया गया. इसका कार्य अनुभव प्रमाण पत्र गुमला से 2014 में इश्यू किया गया, जिसमें पता 2016 के पतेवाला दिखाया गया.
स्थानीयता की बात कह फर्जी दस्तावेज पर मुख्य अभियंता ने दिया सड़क मरम्मत का काम
सरायकेला-खरसावां जिला में मुखिया होटल से चांडिल डैम तक एक किमी सड़क की विशेष मरम्मत के लिए सुवर्णरेखा प्रमंडल संख्या-2 के कार्यपालक अभियंता ने 2017 में निविदा निकाला. टेंडर में सात निविदादाताओं ने भाग लिया.
दस्तावेजों के आधार पर कार्यपालक अभियंता ने फाइल मुख्य अभियंता के पास भेजी. मुख्य अभियंता ने स्थानीय होने की बात कहते हुए जून 2017 में कार्य गौरव कांट्रेक्टर को सौंप दिया. जबकि निविदा शर्त में स्थानीयता की बात कहीं पर नहीं कही गयी थी. अन्य पांच निविदादाता पूर्वी सिंहभूम जिला से निबंधित थे, जिन्हें स्थानीय नहीं होने की बात कहते हुए उनके आवेदन को अस्वीकृत कर दिया गया.
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