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कई संगठनों ने आज मोरहाबादी में आंदोलन करने की घोषणा की, रांची आ रहे पारा शिक्षक गिरफ्तार, रसोइया को भी लिया हिरासत में
रांची : राज्य भर के पारा शिक्षक व रसोइया अपनी मांगों को लेकर आंदोलनरत हैं. इस कड़ी में राज्य भर के पारा शिक्षक राज्य स्थापना दिवस के दिन 15 नवंबर को मोरहाबादी मैदान में जुटेंगे. यहां पर पारा शिक्षकों ने महाजुटान का कार्यक्रम रखा है. राज्य स्थापना दिवस का मुख्य कार्यक्रम भी मोरहाबादी मैदान में […]
रांची : राज्य भर के पारा शिक्षक व रसोइया अपनी मांगों को लेकर आंदोलनरत हैं. इस कड़ी में राज्य भर के पारा शिक्षक राज्य स्थापना दिवस के दिन 15 नवंबर को मोरहाबादी मैदान में जुटेंगे. यहां पर पारा शिक्षकों ने महाजुटान का कार्यक्रम रखा है. राज्य स्थापना दिवस का मुख्य कार्यक्रम भी मोरहाबादी मैदान में ही आयोजित किया गया है. ऐसे में पहले ही राज्य सरकार ने स्थापना दिवस समारोह में किसी तरह की बाधा डालनेवालों पर कड़ी कार्रवाई करने की चेतावनी दे दी है.
पारा शिक्षकों के आंदोलन को देखते हुए प्रशासन की ओर से एहतियात बरती जा रही है. अलग-अलग जगहों पर पारा शिक्षकों को रोकने का प्रयास हो रहा है, ताकि वे रांची में समारोह स्थल के पास नहीं पहुंच सकें. इसी क्रम में साहेबगंज से रांची आ रहे पारा शिक्षकों को वहीं पर हिरासत में लेने का प्रयास किया गया. उनकी बसें जब्त कर ली गयी हैं. इधर राज्य भर की रसोइया भी अपनी मांगों को लेकर आंदोलनरत हैं. रसोइया संघ ने स्थापन दिवस समारोह स्थल पर सामूहिक आत्मदाह करने की चेतावनी दी है.
इस पर भी प्रशासन गंभीर है. यह प्रयास हो रहा है कि किसी भी प्रकार का बाधा डालने का प्रयास करनेवाले को समारोह स्थल तक जाने नहीं दिया जाये. वहीं 15 नवंबर से राज्य के मुखिया भी हड़ताल पर जा रहे हैं. अगले दिन 16 नवंबर से राज्य के मनरेगाकर्मी व 26 नवंबर से राजस्वकर्मी भी हड़ताल पर चले जायेंगे.
पारा शिक्षक स्थायीकरण की कर रहे हैं मांग
राज्य भर के पारा शिक्षक स्थायीकरण की मांग कर रहे हैं. वे लगातार मानदेय बढ़ाने की भी मांग कर रहे हैं. पारा शिक्षकों का कहना है कि कई बार मांगें रखने के बाद भी सुनवाई नहीं हो रही है. पारा शिक्षकों के संघ ने मुख्यमंत्री से आग्रह किया है कि वह दमनकारी नीति त्याग कर पारा शिक्षकों के हित में घोषणा करें.
ग्राम सभा की आजादी मांग रहे मुखिया
राज्य के मुखिया ग्राम सभा की आजादी मांग रहे हैं. मुखिया संघ झारखंड प्रदेश का कहना है कि मुखिया को मान-सम्मान व सुरक्षा नहीं मिल रही है. मुखिया की वित्तीय शक्ति जब्त कर ली गयी है. पंचायती राज अधिनियम में छेड़छाड़ हो रही है.
स्थायीकरण की मांग करे हैं मनरेगाकर्मी
मनरेगाकर्मी भी लंबे समय से स्थायीकरण की मांग कर रहे हैं. उनका कहना है कि 10 साल से ज्यादा समय से सेवा देने के बाद भी उन्हें स्थायी नहीं किया गया है. उनका मानदेय भी काफी कम है. ऐसे में समान काम के लिए समान वेतन की भी मांग कर रहे हैं.
समारोह स्थल पर सामूहिक आत्मदाह करने की तैयारी
इधर झारखंड प्रदेश रसोइया संयोजिका संघ ने 15 नवंबर को स्थापना दिवस समारोह स्थल के पास ही सामूहिक अात्मदाह करने की घोषणा की है. संघ का कहना है कि उनकी मांगें पूरी नहीं की जा रही हैं. वे 15 सूत्री मांगों को लेकर आंदोलन कर रहे हैं. उनका 25 सितंबर से वे राजभवन के समक्ष घेरा डालो-डेरा डालो कार्यक्रम कर रहे हैं. संघ का कहना है कि स्थापना दिवस के मौके पर मुख्यमंत्री आवास या समारोह स्थल पर आत्मदाह करने की तैयारी की गयी है.
आज के कार्यक्रम में अध्यक्ष अजीत प्रजापति, प्रेमनाथ विश्वकर्मा, अनीता देवी, देवकी देवी, चांदनी श्रीवास्तव, दमयंती बारला, आशा दत्ता, रजनी लुगून, माया देवी आदि प्रतिनिधि उपस्थित थे.
कार्रवाई करेगी सरकार
सरकार को पारा शिक्षक व अन्य संगठनों द्वारा विरोध करने की सूचना मिली है. इसके बाद ही सरकार ने स्पष्ट किया है कि राज्य स्थापना दिवस पर किसी तरह की अनुशासनहीनता बर्दाश्त नहीं की जायेगी. स्थापना दिवस के दिन कोई बाधा उत्पन्न करता है, तो इसे राज्य के असम्मान के रूप में लिया जायेगा. वैसे लोगों को चिह्नित कर उनके खिलाफ अनुशासनात्मक कार्रवाई की जायेगी और उन्हें अगले दिन से ही कार्य मुक्त कर दिया जायेगा. वीडियोग्राफी के साथ-साथ अन्य माध्यमों से भी विरोध प्रदर्शन की जानकारी ली जायेगी.
आज खुले रहेंगे सभी विद्यालय, शिक्षकों की उपस्थिति अनिवार्य : प्रधान सचिव
रांची. राज्य स्थापना दिवस पर सभी विद्यालयों को खुला रखने का आदेश दिया गया है. पूर्व में 15 नवंबर को अवकाश घोषित किया गया था. उस दिन कार्य स्थल पर उपस्थित होने के बदले शिक्षक व कर्मचारी किसी अन्य दिन क्षतिपूरक अवकाश ले सकेंगे. संबंधित आदेश स्कूली शिक्षा व साक्षरता विभाग के प्रधान सचिव एपी सिंह के हस्ताक्षर से जारी किया गया है.
आदेश में कहा गया है कि उस दिन किसी भी शिक्षक, पारा शिक्षक, कर्मचारी या अनुबंध आधारित कर्मी को छुट्टी स्वीकृत नहीं की जायेगी. सभी शिक्षाकर्मियों को ड्यूटी पर उपस्थित होना अनिवार्य बनाया गया है. 15 नवंबर को राज्य स्तर व जिला स्तर पर विभिन्न कार्यक्रमों का आयोजन किया जा रहा है. सभी विद्यालयों में भी कार्यक्रम आयोजित किये जायेंगे. शिक्षा के मामले में पिछले 18 वर्षों में क्या प्रगति हुई है, उसकी समीक्षा सीएमसी द्वारा की जायेगी. कार्यक्रमों में शिक्षाकर्मियों को शामिल होना अनिवार्य है.
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