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रांची : आदिवासी समाज में आ रहे बदलावों पर की जायेगी चर्चा
टाटा स्टील का संवाद ट्राइबल कॉनक्लेव 15 से कार्यक्रम में 25 राज्यों के 1400 आदिवासी प्रतिनिधि लेंगे हिस्सा कमिंग टूगेदर फॉर सोशल चेंज थीम पर होगा कार्यक्रम रांची : टाटा स्टील का संवाद ट्राइबल कॉनक्लेव 15 से 19 नवंबर तक जमशेदपुर में होगा. इसमें आदिवासी समाज में आ रहे बदलावों पर चर्चा की जायेगी़ कार्यक्रम […]
टाटा स्टील का संवाद ट्राइबल कॉनक्लेव 15 से
कार्यक्रम में 25 राज्यों के 1400 आदिवासी प्रतिनिधि लेंगे हिस्सा
कमिंग टूगेदर फॉर सोशल चेंज थीम पर होगा कार्यक्रम
रांची : टाटा स्टील का संवाद ट्राइबल कॉनक्लेव 15 से 19 नवंबर तक जमशेदपुर में होगा. इसमें आदिवासी समाज में आ रहे बदलावों पर चर्चा की जायेगी़ कार्यक्रम में देशभर के 25 राज्यों के 1400 आदिवासी प्रतिनिधि हिस्सा लेंगे. इनमें बुद्धिजीवी, साहित्यकार, खिलाड़ी, कलाकार, शेफ, हीलर आदि शामिल लेंगे. इस दौरान 17 राज्यों के 75 ट्राइबल हैंडीक्राफ्ट के स्टॉल भी लगाये जायेंगे. 11 राज्यों के 108 ट्राइबल हीलर आयेंगे, जो जड़ी-बूटी के माध्यम से प्राकृतिक चिकित्सा से इलाज करते हैं.
जनजातीय पकवान पर भी इस बार खास फोकस करते हुए कई शेफ हिस्सा लेंगे. जनजातीय पकवान को ताज ग्रुप द्वारा प्रमोट किया जा रहा है. यह जानकारी टाटा स्टील सीएसआर के चीफ सौरभ राय ने होटल बीएनआर में पत्रकारों को दी. उनके साथ टाटा स्टील अरबन सर्विसेज के हेड जीरेन टोपनो और कॉरपोरेट कम्यूनिकेशन हेड सिद्धार्थ गौतम भी थे.
श्री राय ने बताया कि टाटा स्टील द्वारा वर्ष 2014 से ही इस तरह का कार्यक्रम आयोजित किया जा रहा है. इसका नाम संवाद दिया गया है. कार्यक्रम का मुख्य उद्देश्य है कि जनजातीय आबादी में शिक्षा, स्वास्थ्य, जीवन स्तर, खेल और उनकी मौलिकता का विकास हो. इसका कारण यह है कि टाटा स्टील के अॉपरेशनल क्षेत्र झारखंड और ओड़िशा में बड़ी संख्या में आदिवासी रहते हैं. उन्होंने कहा कि हमारा मुख्य उद्देश्य है कि हम उन्हें विकास करने का अवसर प्रदान करें. देश के अन्य राज्यों के आदिवासियों की संस्कृति और काम को यहां के आदिवासी समझें और वे यहां के आदिवासियों को समझें. इसके लिए स्पेशल प्रोग्राम भी बनाये गये हैं. संवाद के माध्यम से आपसी बातचीत बढ़ रही है. कंपनी इस तरह का आयोजन कर गर्व महसूस करती है.
श्री रॉय ने बताया कि इसका पहला एडिशन 2014 में आयोजित किया गया था, जिसमें उन्हें अपनी संस्कृति दिखाने का मौका मिला था. 2015 में आयोजित कार्यक्रम ट्राइबल लैंग्वेज पर आधारित था. 2016 का कार्यक्रम ट्राइबल हेल्थ सिस्टम पर आधारित था. वहीं 2017 का कार्यक्रम ट्राइबल यूथ एंड लीडरशिप पर आधारित था. इस बार पांचवां एडिशन का आयोजन 15 नवंबर से होने जा रहा है. उन्होंने कहा कि इसके पूर्व रीजन संवाद का आयोजन भी किया जा चुका है, जो रांची, मदुरै, भुवनेश्वर में हो चुका है.
सौरभ राय ने बताया कि इस आयोजन के लिए राजस्थान, केरल, नॉर्थ-इस्ट, गुजरात, छत्तीसगढ़, ओड़िशा व मध्य प्रदेश का दौरा किया गया है. जनजातीय परंपरा और भाषाओं की अब मान्यता होने लगी है. एक सवाल के जवाब में उन्होंने कहा कि पूरे देश के आदिवासियों में विकास और संस्कृति में हो रहे बदलाव को लेकर चिंतन है और अपनी संस्कृति अक्षुण्ण बनाये रखने के लिए वे खुद आगे भी आ रहे हैं.
जमशेदपुर में दो जगहों पर कार्यक्रम होंगे
श्री रॉय ने बताया कि जमशेदपुर में दो स्थानों पर कार्यक्रम का आयोजन होगा. एक सोनारी स्थित ट्राइबल डेवलपमेंट सेंटर और दूसरा गोपालपुर मैदान में. सुबह के सत्र में विचार-विमर्श व परिचर्चा का आयोजन होगा. वहीं शाम के सत्र में सांस्कृतिक कार्यक्रम आयोजित किये जायेंगे.
उन्होंने कहा कि संवाद कोई राजनीतिक मंच नहीं है. टाटा स्टील कंपनी सिर्फ कार्यक्रम का आयोजन कराती है. इसमें आदिवासी अपने वर्तमान मुद्दों, संस्कृति, शिक्षा, स्वास्थ्य आदि पर चर्चा करते हैं. हर वर्ष का अलग-अलग थीम होता है. इस वर्ष का थीम है कमिंग टूगेदर फॉर सोशल चेंज. इसमें आदिवासी समाज में आ रहे बदलावों पर चर्चा की जायेगी और विकास के साथ-साथ संस्कृति को अक्षुण्ण बनाये रखने पर चर्चा होगी.
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