रांची़ : समाज कल्याण निदेशालय ने दो वर्ष पहले करीब 3.24 करोड़ रुपये खर्च कर स्मार्ट फोन खरीदे थे, जो अब तक बेकार पड़े हैं. औसतन छह हजार कीमत वाले कुल 5400 फोन खरीदे गये, लेकिन, आज तक इनमें सिम कार्ड ही नहीं डाले गये हैं. लिहाजा सभी फोन बेकार पड़े हैं. पहले हुई खरीद के बाद वर्तमान निदेशक पर इन्हें चालू करने की जिम्मेदारी है. वह सिम के जुगाड़ में लगे हैं. सिम लगाने के बाद लंबे समय तक रखे रहे सेलफोन की बैटरी ठीक होगी या नहीं, यह कहना मुश्किल है.
इस संबंध में आठ जुलाई को समाज कल्याण निदेशक ने कहा था कि सप्ताह भर या अधिकतम 10 दिनों में सिम सहित सभी प्रक्रिया पूरी कर मोबाइल फोन चालू कर दिये जायेंगे. पर 10 के बजाय करीब 90 दिन बाद भी यह काम नहीं हो सका है. एक विभागीय अधिकारी ने कहा कि इस मामले में पूर्व के निदेशकों से स्पष्टीकरण मांगा जाना चाहिए.
क्यों खरीदे गये थे मोबाइल फोन : कुपोषण से ज्यादा प्रभावित सात चयनित जिलों दुमका, लातेहार, पलामू, चतरा, लोहरदगा, प. सिंहभूम व सरायकेला में मोबाइल फोन बांटे जाने थे. इन जिलों की कुल 63 समेकित बाल विकास परियोजना (आइसीडीपी) के सभी आंगनबाड़ी केंद्रों की सेविकाओं को स्मार्ट फोन दिये जाने थे, जिनका इस्तेमाल केंद्रों की मॉनिटरिंग तथा सेविका से बच्चों व महिलाओं संबंधी रिपोर्ट प्राप्त करने के लिए होना था. हालांकि, पहले चरण में 30 आइसीडीपी मे पांच हजार फोन बांटे गये थे.