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रांची : पूर्व कृषि मंत्री योगेंद्र साव को हाइकोर्ट से राहत, वारंट व कुर्की संबंधी आदेश निरस्त
रांची : आम्रपाली कोयला परियोजना में बंदी कराने, तोड़फोड़ व मारपीट मामले में आरोपी पूर्व कृषि मंत्री योगेंद्र साव को झारखंड हाइकोर्ट से बड़ी राहत मिल गयी है. जस्टिस रंगन मुखोपाध्याय की अदालत ने बुधवार को निचली अदालत द्वारा जारी आदेश को चुनाैती देनेवाली याचिका पर सुनवाई करते हुए उसे निरस्त कर दिया. साथ ही […]
रांची : आम्रपाली कोयला परियोजना में बंदी कराने, तोड़फोड़ व मारपीट मामले में आरोपी पूर्व कृषि मंत्री योगेंद्र साव को झारखंड हाइकोर्ट से बड़ी राहत मिल गयी है.
जस्टिस रंगन मुखोपाध्याय की अदालत ने बुधवार को निचली अदालत द्वारा जारी आदेश को चुनाैती देनेवाली याचिका पर सुनवाई करते हुए उसे निरस्त कर दिया. साथ ही योगेंद्र साव को 27 नवंबर को मामले की सुनवाई के दौरान निचली अदालत में उपस्थित होने का निर्देश दिया. निचली अदालत ने प्रार्थी योगेंद्र साव के खिलाफ वारंट, कुर्की जब्ती संबंधी आदेश जारी किया था.
इससे पूर्व प्रार्थी की अोर से बताया गया कि टंडवा के आम्रपाली परियोजना में आंदोलन को लेकर 18 जून 2015 को पुलिस ने प्राथमिकी दर्ज की थी. वर्ष 2016 में चार्जशीट दायर किया गया. अदालत ने संज्ञान लेते हुए उनके खिलाफ समन जारी किया. एक अन्य मामले में उनकी जमानत रद्द हो जाने के कारण उन्हें जेल जाना पड़ा. बाद में सुप्रीम कोर्ट से जमानत मिली, लेकिन उन्हें राज्य से बाहर भोपाल में रहने का आदेश दिया गया.
इसके चलते न तो उन्हें कोई समन मिला आैर न ही कोई नोटिस. वैसी स्थिति में निचली अदालत द्वारा जारी समन, वारंट व कुर्की की प्रक्रिया शुरू करने संबंधी आदेश उचित नहीं है. उल्लेखनीय है कि प्रार्थी योगेंद्र साव ने क्रिमिनल क्वैशिंग याचिका दायर कर निचली अदालत के आदेश को निरस्त करने की मांग की थी.
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