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रांची : अपहृत छात्र बिहार से बरामद, चार गिरफ्तार
साथ रहनेवाले दोस्त ने झांसा देकर बिहार बुलाया और फिर कर लिया था अपहरण रांची : चतरा के हटरगंज निवासी छात्र युवराज सिंह के अपहरण के आरोप में रांची पुलिस की टीम ने बिहार पुलिस के सहयोग से चार अपहरणकर्ताओं को गिरफ्तार किया है. पुलिस ने पहरणकर्ताअों की निशानदेही पर युवराज सिंह को बरवीघा जिला […]
साथ रहनेवाले दोस्त ने झांसा देकर बिहार बुलाया और फिर कर लिया था अपहरण
रांची : चतरा के हटरगंज निवासी छात्र युवराज सिंह के अपहरण के आरोप में रांची पुलिस की टीम ने बिहार पुलिस के सहयोग से चार अपहरणकर्ताओं को गिरफ्तार किया है. पुलिस ने पहरणकर्ताअों की निशानदेही पर युवराज सिंह को बरवीघा जिला के शेखपुरा स्थित संजय कुमार के घर से बरामद किया है. छात्र और चारों अपहरणकर्ता को लेकर सोमवार को पुलिस की टीम बिहार से रांची पहुंची. इसके बाद पुलिस ने चारों अपहरणकर्ताओं को जेल भेज दिया.
छात्र वर्तमान में पुलिस की सुरक्षा में है. पुलिस मंगलवार को युवराज सिंह का न्यायालय में 164 का बयान करायेगी, फिर उसे परिजनों को सौंप दिया जायेगा. जेल जानेवाले अपहरणकर्ताओं में वैशाली राजा पाकर निवासी बीरेंद्र पासवान उर्फ कालू, परमानंद सिंह, नालंदा के अहियाचक निवासी सतीश पासवान और वैशाली के सिंदुआरी निवासी अजीत सिंह शामिल हैं. सिटी एसपी अमन कुमार ने बताया कि युवराज सिंह नगड़ा टोली के शंकर लॉज में रहकर योगदा सत्संग कॉलेज से आइकॉम कर रहा था.
इसके साथ ही वह धुर्वा में क्रिकेट की कोचिंग भी करता था. वहां उसकी दोस्ती वैशाली के दिग्घीकला निवासी शंकर तिवारी से हुई. पूर्व में दोनों धुर्वा में एक ही कमरे में रहते थे. इसके बाद दोनों नगड़ा टोली स्थित लॉज में साथ रहने लगे.
युवराज सिंह को एक संपन्न परिवार का लड़का समझ कर योजना के तहत शंकर तिवारी ने अपने मौसेरे भाई प्रतीक तिवारी, काशीराय, अर्जुन सिंह, अजीत कुमार सिंह एवं छोटू सिंह, वीरेंद्र पासवान उर्फ कालू, अंगद सिंह और अजीत सिंह के साथ फिरौती के लिए युवराज सिंह का अपहरण करने की योजना तैयार की.
योजना के अनुसार शंकर तिवारी ने युवराज सिंह को रक्षाबंधन के पूर्व हाजीपुर और पटना घूमने का झांसा देकर हाजीपुर बुलाया और अन्य लोगों के सहयोग से उसका अपहरण कर लिया. युवराज सिंह के अपहरण को लेकर लालपुर थाना में 28 अगस्त को केस दर्ज हुआ था.
अपहरण के बाद अपहरणकर्ताओं ने युवराज सिंह के मोबाइल से ही उसके पिता मनोज सिंह से 40 लाख रुपये की मांग की. घटना के बाद छापेमारी के लिए आइपीएस अमित रेणु के नेतृत्व में एक टीम का गठन कर बिहार भेजा गया था. पूर्व में इस केस में पुलिस कासीराय, शंकर तिवारी, प्रतीक तिवारी और अर्जुन सिंह चंद्रवंशी को गिरफ्तार कर 21 सितंबर को न्यायिक हिरासत में जेल भेज चुकी है. उन्हें दोबारा पूछताछ के लिए रविवार को पुलिस ने रिमांड पर लिया है.
छापेमारी में शामिल टीम
आइपीएस अमित रेणु, एएसपी मुख्यालय रांची, इंस्पेक्टर तारकेश्वर राम, लालपुर थाना प्रभारी रमोद कुमार सिंह, दारोगा लालजी यादव, अनिल गुप्ता, तारिक अनवर, रवींद्र राम, सत्येंद्र सिंह, शाह फैसल, बलेंद्र सिंह, मिथिलेश कुमार, उज्जवल कुमार, प्रवीण तिवारी, दिगंबर, सीताराम, रंजीत, भोला जॉन टोपनो, मो अकरम खान, अनुज कुजूर, भोला महली, ओम प्रकाश सिंह, दीपक (सभी रांची जिला पुलिस बल)
फिरौती का पैसा वसूलने के बाद छात्र युवराज सिंह की हत्या करने की थी योजना
पुलिस सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार दोस्तों के विश्वास में आकर छात्र युवराज सिंह असली अपहरणकर्ताओं के चंगुल में फंस गया था.
अपहरणकर्ता ने उसे झांसे में रखा कि फिरौती में रकम मिलने के बाद वे उसे एक बुलेट खरीद कर देंगे. छात्र को झांसा में रखने के लिए अपहरणकर्ता उसे खाने और मौज-मस्ती के लिए समय भी देते थे. लेकिन अपहरणकर्ताओं की मंशा फिरौती में रुपये वसूलने के बाद उसकी हत्या करने की थी. लेकिन पुलिस की सक्रियता की वजह से उसकी जान बच गयी.
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