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रांची : कचरे में कैद है 50,000 की आबादी
रांची : अपर बाजार राजधानी का सबसे बड़ा और व्यस्त व्यावसायिक इलाका है. यहां हर तरह के छोटे-बड़े प्रतिष्ठान मौजूद हैं. लगभग 50 हजार से अधिक की आबादी इस क्षेत्र में बसी है. वर्तमान में यह पूरा इलाका वार्ड नं 20 के दायरे में आता है, लेकिन इस वार्ड की अधिकतर सड़कों पर कचरे का […]
रांची : अपर बाजार राजधानी का सबसे बड़ा और व्यस्त व्यावसायिक इलाका है. यहां हर तरह के छोटे-बड़े प्रतिष्ठान मौजूद हैं. लगभग 50 हजार से अधिक की आबादी इस क्षेत्र में बसी है. वर्तमान में यह पूरा इलाका वार्ड नं 20 के दायरे में आता है, लेकिन इस वार्ड की अधिकतर सड़कों पर कचरे का ढेर जमा है. मानों यहां कचड़े का उठाव महीनों से नहीं हो रहा है. ऐसे में यह सवाल उठना लाजिमी है कि अपर बाजार क्षेत्र के सड़कों की हालत इतनी नारकीय क्यों है. साथ ही यह कि नगर निगम का ‘स्वच्छता ही सेवा’ अभियान खानापूर्ति भर तो नहीं है.
मौजूदा समय में इस वार्ड की सफाई व्यवस्था रांची एमएसडब्ल्यू के जिम्मे हैं. कंपनी का यह दावा है कि इस वार्ड से कूड़े के उठाव के लिए 12 टाटा एस वाहन को लगाया गया है, लेकिन कंपनी के इस दावे को वार्ड पार्षद सुनील यादव झुठलाते हैं. पार्षद कहते हैं कि कंपनी ने भले ही 12 वाहन लगाये हैं, लेकिन कूड़ा उठाने का काम केवल चार या पांच वाहन से ही हो रहा है. इस कारण पूरे वार्ड से कूड़े का उठाव भी नहीं हो रहा है.
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