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रांची : किसानों की आय दोगुनी करने की दिशा में काम करें कृषि वैज्ञानिक
प्राकृतिक राल एवं गोंद संस्थान की समिति संख्या चार की बैठक को राज्यपाल ने किया संबोधित रांची : राज्यपाल द्रौपदी मुर्मू ने कहा कि वर्ष 2011-12 के लिए खपत व्यय सर्वेक्षण पर एनएसएसओ के आंकड़ों के अनुसार झारखंड में 45.3 प्रतिशत कृषक परिवार गरीबी की सीमा रेखा के नीचे थे. गैर कृषि क्षेत्र में काम […]
प्राकृतिक राल एवं गोंद संस्थान की समिति संख्या चार की बैठक को राज्यपाल ने किया संबोधित
रांची : राज्यपाल द्रौपदी मुर्मू ने कहा कि वर्ष 2011-12 के लिए खपत व्यय सर्वेक्षण पर एनएसएसओ के आंकड़ों के अनुसार झारखंड में 45.3 प्रतिशत कृषक परिवार गरीबी की सीमा रेखा के नीचे थे. गैर कृषि क्षेत्र में काम करनेवालों की आय की तुलना में किसानों की आय भी कम रही. यह असमानता काफी बड़ी थी और किसानों की आय को तेज दर से बढ़ाने के लिए नीतिगत प्रतिक्रिया की जरूरत थी. ऐसे में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा निर्धारित 2022 तक किसान की आय दोगुनी करने का लक्ष्य किसानों के हित को बढ़ावा देने, कृषि संकट को कम करने और गैर-कृषि व्यवसायों में काम करनेवाले लोगों की आमदनी के बीच समानता लाने के लिए महत्वपूर्ण है. कृषि वैज्ञानिक इस दिशा में काम करे़ं
राज्यपाल भारतीय प्राकृतिक राल एवं गोंद संस्थान की समिति संख्या चार की 24वीं बैठक को संबोधित कर रही थी़ं कार्यक्रम का आयोजन शुक्रवार को होटल बीएनआर में हुआ़
सचिव डॉ त्रिलोचन महापात्रा ने कहा कि पूर्वी भारत में कृषि उत्पादकता में जितनी बढ़ोतरी होनी चाहिए, उतनी नहीं हुई है. झारखंड में औसतन अच्छी बारिश होती है. यदि चेक डेम बना कर, जल छाजन कर इसका सही उपयोग करें, तो सिंचाई से कृषि उत्पादन 12-15 प्रतिशत बढ़ाया जा सकता है. मौके पर कई प्रकाशनों का लोकार्पण भी हुआ. इनमें एजेंडा नोट, सफलता की गाथा और लीची पर छह पुस्तकें शामिल थी़ं
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