रांची: निगरानी ने चिरौंदी में हुए 2.66 एकड़ भूमि घोटाले की जांच बंद कर दी है.यह तर्क दिया गया है कि कोतवाली थाना की पुलिस भूमि घोटाले में शामिल नौ लोगों के खिलाफ न्यायालय में 18 फरवरी 2011 को चाजर्शीट कर चुकी हैं. जिनके खिलाफ चाजर्शीट दाखिल किया गया, उनमें गोपाल नारायण तिवारी, सीता राम साह, शैल नारायण तिवारी, लक्ष्मी देवी, सत्य नारायण तिवारी, संजय कुमार, संदीप भगत, सरकारी कर्मचारी राजदेव दूबे और सोभरण सिंह शामिल हैं.
मामले में शामिल एक ही अभियुक्त के खिलाफ दो बार कार्रवाई नहीं हो सकती. निगरानी ने जांच बंद सरकार के पास प्रस्ताव स्वीकृति के लिए भेज दिया है. निगरानी के अधिकारियों के अनुसार वर्ष 1998 में कुछ लोगों ने गैर मजरुआ जमीन को जाली कागजात के आधार पर गलत तरीके से हड़प कर दूसरे लोगों को बेच दिया था. इसके बाद सरकार ने मामले की जांच करने का आदेश निगरानी को दिया था. निगरानी में पीइ संख्या 12/98 के तहत मामला दर्ज किया गया था.
इस दौरान चिरौंदी में हुए भूमि घोटाले के संबंध में बरियातू थाना में भी मामला दर्ज किया गया था. लेकिन बाद में मामला कोतवाली थाना को हस्तांतरित कर दिया गया. इस तरह इस मामले में पुलिस और निगरानी दोनों एक साथ जांच कर रहे थे.
16 वर्ष जांच के बाद हुआ निर्णय
निगरानी ने इसकी करीब 16 वर्ष जांच की.एक निर्णय लेने में करीब 16 वर्ष लग गये. इसके बाद निगरानी ने अंत में यह जांच बंद कर दिया. निगरानी के अधिकारी पहले से ही जानते थे कि मामले की पुलिस भी जांच कर रही है.