रांची : लातेहार जिला के मनिका प्रखंड स्थित लंका उच्चाबाल निवासी 80 वर्षीय वृद्धा अमवा कुंवर को वृद्धा पेंशन का भुगतान नहीं हो पा रहा है. उसे आखिरी बार पेंशन का भुगतान सितंबर 2012 में किया गया था. अभी आधार कार्ड नहीं होने की वजह से उसका पेंशन बंद है. अमवा ने दो बार आधार केंद्र में जाकर आधार कार्ड बनवाने की सारी प्रक्रिया पूरी की. लेकिन रसीद में अंकित नामांकन संख्या से पता करने पर स्थिति अस्वीकृत दिखायी जाती है. नरेगा सहायता केंद्र मनिका के जेम्स हेरेंज ने बताया कि एक अोर जहां प्रशासन/सरकार असंवेदनशील है. वहीं तकनीक ने भी अमवा का साथ छोड़ दिया है.
अमवा सिर्फ माड़-भात खाकर गुजारा कर रही है. माड़-भात खाने की वजह से उसे पर्याप्त पोषण नहीं मिल पा रहा है. जेम्स हेरेंज बताते हैं कि जिले में लोगों को वृद्धा पेंशन लेने में कई तरह की परेशानी का सामना करना पड़ रहा है. जामा सिंह नामक एक व्यक्ति की उम्र अब 101 साल हो गयी है. उनका बैंक में खाता नहीं खुल पा रहा है क्योंकि सॉफ्टवेयर में दिक्कत हो रही है. उन्हें भी पेंशन का भुगतान नहीं हो पा रहा है. चंदवा के कई लोगों को वृद्धा पेंशन नहीं मिल पा रहा है क्योंकि प्रज्ञा केंद्र में उनके फिंगर प्रिंट मैच नहीं हो पा रहे हैं. जिन लोगों के फिंगर प्रिंट नहीं मिल पा रहे हैं, वे मजदूरी का काम करते हैं जिससे उनके हाथों की अंगुलियां घिस जाती हैं. जेम्स हेरेंज ने कहा कि तकनीक का इस्तेमाल लोगों की जिंदगी में सहूलियत के लिए होना चाहिए न कि परेशानियों को अौर बढ़ाने के लिए.