रांची : रघुवर सरकार की ओर से एक वर्ष पहले सीएनटी-एसपीटी एक्ट में किये गये संशोधन को लेकर काफी बवाल हुआ. विपक्ष ने सवाल खड़े किये. यह मामला राजभवन तक पहुंचा. इसके बाद सरकार ने संशोधन वापस ले लिया. इसकी जगह सरकार की ओर से भूमि अधिग्रहण संशोधन कानून लाया गया. राज्यपाल ने इस पर अपनी मंजूरी भी दे दी है.
इसके बावजूद विपक्षी की ओर से लगातार इस कानून का विरोध किया जा रहा है. विधानसभा का मानसून सत्र भी भूमि अधिग्रहण संशोधन कानून को लेकर नहीं चला. विपक्षी दलों का विरोध आज भी जारी है. हालांकि राजद सुप्रीमो लालू प्रसाद ने 25 साल पहले ही सीएनटी में संशोधन की घोषणा की थी. सात जुलाई 1994 को लालू प्रसाद ने बिहार विधानसभा में सीएनटी कानून में संशोधन की घोषणा की थी.
तब वे संयुक्त बिहार के मुख्यमंत्री थे और झारखंड उसका हिस्सा था. बिहार विधानसभा में कांग्रेस की तत्कालीन उप नेता सुशीला केरकेट्टा की मांग पर श्री प्रसाद ने यह घोषणा की थी. तत्कालीन मुख्यमंत्री ने सीएनटी एक्ट में संशोधन के साथ-साथ गैर आदिवासी पिता से जनित संतान को आदिवासी नहीं मानने के सुझाव पर भी सरकार की सहमति जतायी थी. इस पर किसी दल की ओर से आपत्ति नहीं जतायी गयी थी.
