रांची : हाइकोर्ट में मंगलवार को नक्सली सरेंडर पॉलिसी को लेकर स्वत: संज्ञान से दर्ज जनहित याचिका पर सुनवाई हुई. एक्टिंग चीफ जस्टिस डीएन पटेल व जस्टिस अमिताभ कुमार गुप्ता की खंडपीठ ने एमिकस क्यूरी के जवाब को देखते हुए गृह सचिव को जवाब दाखिल करने का निर्देश दिया. मामले की सुनवाई 13 अगस्त को होगी. इससे पूर्व एमिकस क्यूरी अधिवक्ता हेमंत कुमार सिकरवार ने खंडपीठ में आइए दायर कर बताया कि कुख्यात नक्सली कुंदन पाहन ने 11 मई 2017 को सरेंंडर किया था. सरेंडर पॉलिसी के तहत सरकार ने 15 लाख रुपये का चेक प्रदान किया था. कुंदन के खिलाफ 128 केस दर्ज हैं.
नक्सलियों के सरेंडर को महिमामंडित किया जाता है. एमिकस क्यूरी ने कहा कि सरेंडर पॉलिसी को पुन: तय करने की जरूरत है. इसमें सरेंडर करनेवाले नक्सलियों के साथ-साथ पीड़ित के परिवार का भी पुनर्वास होना चाहिए. फास्ट ट्रैक कोर्ट की स्थापना की जानी चाहिए, ताकि सरेंडर करनेवालों के मामले की स्पीडी ट्रायल हो सके.
उल्लेखनीय है कि अधिवक्ता हेमंत कुमार सिकरवार ने सरेंडर पॉलिसी व नक्सली कुंदन पाहन के सरेंडर की घटना को हाइकोर्ट के समक्ष रखा था. उसके बाद कोर्ट ने मामले में स्वत: संज्ञान लेते हुए जनहित याचिका में तब्दील कर दिया था.