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रांची : दो विभागों के पेच में लटका सड़कों की मरम्मत का काम
रांची : शहर की सड़कों की मरम्मत का काम नहीं हो पा रहा है. फिलहाल शहर की सारी सड़कें नगर विकास विभाग के जिम्मे हैं. ऐसे में पथ निर्माण विभाग इन सड़कों पर तकनीकी रूप से काम नहीं कर सकता है. वहीं, नगर विकास विभाग की अोर से भी रिपेयर नहीं कराया जा रहा है. […]
रांची : शहर की सड़कों की मरम्मत का काम नहीं हो पा रहा है. फिलहाल शहर की सारी सड़कें नगर विकास विभाग के जिम्मे हैं. ऐसे में पथ निर्माण विभाग इन सड़कों पर तकनीकी रूप से काम नहीं कर सकता है. वहीं, नगर विकास विभाग की अोर से भी रिपेयर नहीं कराया जा रहा है. दोनों विभागों के पेच में शहर की सड़कों का काम फंसा हुआ है.
इधर, स्थिति यह है कि शहर की कई सड़कों पर गड्ढे होते जा रहे हैं. बारिश की वजह से सड़कें टूट रही हैं. कटहल मोड़ से अरगोड़ा जानेवाली सड़क की स्थिति बहुत खराब होती जा रही है. चापुटोली के पास बड़े-बड़े गड्ढे हो गये हैं.
गाड़ियां गड्ढों से होकर आना-जाना कर रही हैं. फिलहाल कोकर डिस्टिलरी पुल के पास भी एप्रोच रोड के प्वायंट में गड्ढे हो गये हैं, लेकिन इसे देखनेवाला कोई नहीं है. अन्य सड़कों की परत उखड़ रही है.
क्या है मामला : जानकारी के मुताबिक शहर की प्रमुख सड़कों की मरम्मत की जिम्मेदारी पथ निर्माण विभाग की थी. लेकिन, हाल ही में शहर की सभी सड़कों को नगर विकास के अधीन कर दिया गया. तब यह तय हुआ कि अब नगर विकास विभाग ही इन सड़कों का मेंटेनेंस व काम करायेगा.
बाद में तय हुआ कि वापस इन सड़कों को पथ निर्माण विभाग के जिम्मे दे दिया जाये, लेकिन इसके लिए अभी तक पथ निर्माण विभाग को अधिकृत रूप से पत्र नहीं मिला है. ऐसे में पथ विभाग पत्र के इंतजार में बैठा है. सारी सड़कें पथ विभाग को सुपुर्द होते ही रिपेयर का काम शुरू करा दिया जायेगा.
रांची : हेहल स्थित आनंदमार्ग गुरु निवास में सोमवार को दिल्ली सेक्टर के त्रुटि समाधान विषय पर बैठक हुई. इसमें दिल्ली सेक्टर की समीक्षा की गयी़ बैठक को संबोधित करते हुए पुरोधा प्रमुख सह अध्यक्ष आचार्य विश्वदेवानंद अवधूत ने कहा कि अगले 10 वर्षों में हमारी पृथ्वी चार डिग्री सेल्सियस अधिक गर्म हो जायेगी. हिमालय का ग्लेशियर तेजी से पिघल रहा है.
हम सभी को ग्लोबल वार्मिंग (वैश्विक ताप वृद्धि) को रोकने के लिए अपना हर संभव योगदान करना चाहिए. आनंद मार्गी अधिक से अधिक पेड़ लगायें. अधिक से अधिक जल बचायें. केंद्रीय कार्यकारिणी के आचार्य मधुव्रतानंद अवधूत ने दूर-दराज के गांवों में 10 नये स्कूल खोल कर स्थानीय बालक-बालिकाओं को शिक्षित करने का निर्देश दिया.
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