रांची : केंद्र सरकार की कई बड़ी परियोजनाएं झारखंड में भूमि, वन एवं पर्यावरण क्लीयरेंस के कारण अटकी हैं. केंद्र सरकार ने भी इस मामले में राज्य सरकार से जवाब मांगा है. जिसमें आधारभूत संरचना से संबंधित योजनाएं ज्यादा हैं. खासकर गैस पाइपलाइन, सिटी गैस डिस्ट्रीब्यूशन प्रोजेक्ट, डेडिकेटेड फ्रेट कॉरीडोर, इन लैंड वाटर वेज के अलावा रेलवे की कई बड़ी परियोजनाएं हैं, जो आज भी जमीन या अन्य वजहों से काम में विलंब हो रहा है. मुख्यमंत्री रघुवर दास ने 28 जून को बड़ी परियोजनाओं पर समीक्षा बैठक बुलायी है. इन परियोजनाओं के बाबत संबंधित एजेंसी से अद्यतन रिपोर्ट भी मांगी गयी है.
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रेल, कोयला सहित अन्य लंबित मामलों पर समीक्षा आज
रांची : केंद्र सरकार की कई बड़ी परियोजनाएं झारखंड में भूमि, वन एवं पर्यावरण क्लीयरेंस के कारण अटकी हैं. केंद्र सरकार ने भी इस मामले में राज्य सरकार से जवाब मांगा है. जिसमें आधारभूत संरचना से संबंधित योजनाएं ज्यादा हैं. खासकर गैस पाइपलाइन, सिटी गैस डिस्ट्रीब्यूशन प्रोजेक्ट, डेडिकेटेड फ्रेट कॉरीडोर, इन लैंड वाटर वेज के […]
बैठक में प्रमुख रूप से कोल इंडिया की कंपनियों सीसीएल, इसीएल और बीसीसीएल की विभिन्न कोल परियोजनाओं की समीक्षा की जायेगी. कोल इंडिया की ज्यादातर परियोजनाएं वन एवं पर्यावरण क्लीयरेंस के कारण लंबित हैं. बैठक में साहेबगंज में गंगा नदी में बनने वाली इन लैंड वाटर वेज की भी समीक्षा होगी. इन लैंड वाटर वेज का काम प्रारंभिक स्तर पर शुरू हो गया है. पर अभी भी यहां भूमि को लेकर जिला प्रशासन के साथ कई इश्यू है जिस पर बैठक में चर्चा की जायेगी.
संबंधित एजेंसी से अद्यतन रिपोर्ट भी मांगी गयी
गैस पाइपलाइन व सिटी गैस डिस्ट्रीब्यूशन प्रोजेक्ट भी
है लंबित
3365 किमी गैस पाइपलाइन बिछायी जानी है
प्रधानमंत्री ऊर्जा गंगा (पीएमयूजी) के तहत जगदीशपुर-हल्दिया-बोकारो पाइपलाइन समेत कुल 3365 किमी गैस पाइपलाइन बिछायी जानी है. जिस पर 12,940 करोड़ रुपये खर्च होंगे. यह पाइपलाइन झारखंड में 551 किमी तक बिछायी जानी है. वहीं सिटी गैस डिस्ट्रीब्यूशन नेटवर्क के तहत रांची और जमशेदपुर में पाइपलाइन बिछायी जायेगी. गैस पाइपलाइन के लिए गेल को 114 हेक्टेयर में फॉरेस्ट परमिशन नहीं मिला है. जिसके कारण काम तेज गति से नहीं हो पा रहा है.
मुख्यमंत्री बैठक में इस पर भी चर्चा करेंगे. रेल नेटवर्क में खासकर कोडरमा-रांची रेल लाइन तथा रांची-जमशेदपुर लाइन की भी समीक्षा की जायेगी. साउथ-इस्टर्न रेल में आरओबी से लेकर अन्य किसी भी योजना में भूमि के मामले को लेकर चर्चा की जायेगी. अमृतसर से हावड़ा डेडिकेटेड फ्रेट कॉरीडोर की अद्यतन स्थिति की भी जानकारी ली जायेगी. यह परियोजना झारखंड से भी गुजर रही है.
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