रांची : झारखंड में एसटी कैटेगरी के जाति प्रमाण पत्र के फॉर्मेट में जल्द बदलाव हो सकता है़ ऐसे आदिवासी, जिन्होंने धर्म परिवर्तन कर ईसाई या अन्य दूसरे धर्म को अपना लिया है, उन्हें आरक्षण के लाभ से वंचित होना पड़ सकता है़
राज्य सरकार इस दिशा में शीघ्र निर्णय ले सकती है. सरकार इससे संबंधित कानून में बदलाव की दिशा में भी आगे बढ़ी है़ सरकार ने झारखंड के महाधिवक्ता अजीत कुमार से इस बारे में सलाह मांगी थी. महाधिवक्ता ने अपनी सलाह राज्य सरकार को भेज दी है. उन्होंने सरकार के विचार को सही ठहराया है.
सरकार ने महाधिवक्ता से कहा था कि जो आदिवासी हैं, जिनका जाति प्रमाण पत्र एसटी कैटेगरी के नाम से बना है आैर बाद में उन्होंने अपना धर्म परिवर्तन कर दूसरा धर्म अपना लिया है, क्या वैसे आदिवासियाें को मिलनेवाले आरक्षण का लाभ बंद किया जाये? इस पर महाधिवक्ता श्री कुमार ने सुप्रीम कोर्ट के फैसले के आधार पर राज्य सरकार को अपना मंतव्य भेज दिया.
मंतव्य में कहा गया है कि सरकार का विचार सही है. इसे लागू किया जा सकता है. महाधिवक्ता का मंतव्य मिल जाने के बाद अब सरकार शीघ्र ही नया आदेश लागू करने का निर्णय ले सकती है, जिससे धर्म परिवर्तन कर चुके आदिवासियों को आरक्षण की सुविधा से वंचित किया जा सकेगा. उल्लेखनीय है कि धर्म परिवर्तन करनेवाले आदिवासियाें काे सिर्फ झारखंड में ही नहीं, बल्कि देश भर में एसटी कैटेगरी का लाभ मिल रहा है.
जाति प्रमाण पत्र के फॉर्मेट में हो सकता है बदलाव
खुफिया िरपोर्ट में खुलासा
आदिवासी के नाम पर, धर्म परिवर्तन कर हजारों लोग अपने राज्य के साथ देश के दूसरे राज्यों में भी एसटी आरक्षण का लाभ उठा रहे हैं
सलाह में क्या है
सूत्रों के अनुसार, महाधिवक्ता ने अपनी सलाह में कहा है कि वास्तविक अनुसूचित जनजाति (एसटी) में से सिर्फ योग्य जनजाति के सदस्यों को ही जाति प्रमाण पत्र के आधार पर आरक्षण का लाभ मिलना चाहिए.
वैसे आदिवासी, जो अपना धर्म परिवर्तन कर चुके हैं और आदिवासी रीति-रिवाजों से दूर हो चुके हैं, उन्हें आदिवासियों को मिलनेवाले आरक्षण का लाभ तत्काल खत्म किया जा सकता है. महाधिवक्ता के अनुसार आदिवासियों की जो सांस्कृतिक व धार्मिक संस्कृति व पहचान है, उसका जो लोग पालन नहीं करते हैं, वह आदिवासियाें को मिलनेवाला लाभ नहीं ले सकते हैं.
मिल रही थी सूचना
खुफिया रिपोर्ट के आधार पर राज्य सरकार ने महाधिवक्ता से राय मांगी थी. सरकार की अोर से कहा गया कि कई स्रोतों से सरकार को वैसी सूचनाएं प्राप्त हो रही है कि आदिवासी के नाम पर, धर्म परिवर्तन कर हजारों लोग अपने राज्य के साथ देश के दूसरे राज्यों में भी एसटी आरक्षण का लाभ उठा रहे हैं.
धर्म परिवर्तन कर चुके आदिवासी आरक्षण का लाभ लेने के योग्य नहीं हैं. इसमें से कई लोगों की आर्थिक स्थिति काफी मजबूत हो चुकी है. उसके बावजूद लोग आदिवासियों को मिलनेवाला लाभ उठा रहे हैं. सरकार के इस मंतव्य पर महाधिवक्ता ने भी इस को सही माना है.
