1990-92 में सड़क चौड़ीकरण को लेकर दो बार जमीन का अधिग्रहण किया जा चुका है
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अगर जोर जबरदस्ती की गयी तो सामूहिक आत्मदाह करेंगे
1990-92 में सड़क चौड़ीकरण को लेकर दो बार जमीन का अधिग्रहण किया जा चुका है रांची : फ्लाइओवर व स्मार्ट रोड के निर्माण कार्य के विरोध में शुक्रवार को हरमू रोड इलाके में दुकानें बंद रहीं. लोगों ने काला बिल्ला लगाकर विरोध दर्ज कराया. रैयतों ने कहना है कि वर्ष 1990-92 में सड़क चौड़ीकरण को […]
रांची : फ्लाइओवर व स्मार्ट रोड के निर्माण कार्य के विरोध में शुक्रवार को हरमू रोड इलाके में दुकानें बंद रहीं. लोगों ने काला बिल्ला लगाकर विरोध दर्ज कराया. रैयतों ने कहना है कि वर्ष 1990-92 में सड़क चौड़ीकरण को लेकर दो बार जमीन का अधिग्रहण किया गया. अब तीसरी बार जमीन अधिग्रहण का षड्यंत्र रचा जा रहा है. रैयतों ने कहा कि हमलोगों ने शांतिपूर्ण बंद कराया है. अगर प्रशासन जबरन हमारी जमीन लेगा, तो सामूहिक आत्मदाह से भी पीछे नहीं हटेंगे. हरमू रोड जाम किया जायेगा. लोगों का कहना है कि जमीन अधिग्रहण से पहले टेंडर भी निकाल दिया गया है. यह अलग बात है कि वह टेंडर रद्द हो चुका है. यही नहीं कितनी जमीन अधिग्रहित की जानी है
इस संबंध में कुछ भी नहीं बताया गया है. प्रशासन की ओर से आज तक नोटिस भी जारी नहीं की गयी है. रैयतों ने कहा कि एक ओर फुटपाथ दुकानदारों को बसाने के लिए वेंडर मार्केट बनाया जा रहा है. वहीं, दूसरी ओर वर्षों से बसे हरमू रोड के रैयतों को उजाड़ने की साजिश रची जा रही है.
पहले कहा 15 फीट चाहिए, अब मांग रहे हैं 20 फीट
रैयतों के अनुसार जुडको ने प्रस्ताव दिया था कि हरमू रोड में स्मार्ट रोड के लिये 29 मीटर यानी 15 फीट जमीन की आवश्यकता है लेकिन, जो अधिसूचना जारी की गयी उसमें जमीन अधिग्रहण का दायरा बढ़ा कर 20 फीट कर दिया गया.
वर्ष 1990-92 में हुए अधिग्रहण का नहीं मिला
है मुआवजा
रैयतों ने बताया कि वर्ष 1990-92 में सड़क चौड़ीकरण के नाम पर भूमि का अधिग्रहण हुआ था, उसका मुआवजा भी आज तक नहीं मिला.
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