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आलिम की पढ़ाई में रांची विवि लागू करेगा सीबीसीएस, सिलेबस स्वीकृत
कमेटी की बैठक : उर्दू व अंग्रेजी दोनों भाषा में तैयार किया जायेगा पाठ्यक्रम रांची विवि की प्रतिकुलपति की अध्यक्षता में गठित कमेटी ने दी स्वीकृति तैयार पाठ्यक्रम को प्रकाशित करने के लिए भेज दिया गया रांची : रांची विश्वविद्यालय ने मदरसा आलिम (स्नातक) की पढ़ाई का पाठ्यक्रम तैयार कर लिया है. प्रतिकुलपति कामिनी कुमार […]
कमेटी की बैठक : उर्दू व अंग्रेजी दोनों भाषा में तैयार किया जायेगा पाठ्यक्रम
रांची विवि की प्रतिकुलपति की अध्यक्षता में गठित कमेटी ने दी स्वीकृति
तैयार पाठ्यक्रम को प्रकाशित करने के लिए भेज दिया गया
रांची : रांची विश्वविद्यालय ने मदरसा आलिम (स्नातक) की पढ़ाई का पाठ्यक्रम तैयार कर लिया है. प्रतिकुलपति कामिनी कुमार की अध्यक्षता में गुरुवार को पाठ्यक्रम तैयार करने को लेकर गठित कमेटी की बैठक हुई.
बैठक में आलिम की पढ़ाई को लेकर तैयार सिलेबस को स्वीकृति दी गयी. आलिम की पढ़ाई में सीबीसीएस (च्वाइस बेस्ड क्रेडिट सिस्टम) लागू किया जायेगा. आलिम परीक्षा विवि में प्रभावी स्नातक की परीक्षा के अनुरूप होगी. तीन वर्षीय पाठ्यक्रम के लिए छह सेमेस्टर होंगे. सेमेस्टर छह माह पर होगा. विवि में स्नातक में प्रभावी परीक्षा पैटर्न आलिम की परीक्षा पर भी लागू होगा. कमेटी द्वारा तैयार किये गये पाठ्यक्रम को प्रकाशित करने के लिए भेज दिया गया है.
अालिम का पाठ्यक्रम उर्दू व अंग्रेजी दोनों भाषा में तैयार किया जायेगा. शैक्षणिक सत्र 2018-21 से आलिम की पढ़ाई रांची विश्वविद्यालय के अधीन होगी. अगले वर्ष से परीक्षा भी विश्वविद्यालय द्वारा ली जायेगी.
राज्य में आलिम व फाजिल की परीक्षा अब तक झारखंड एकेडमिक काउंसिल द्वारा ली जाती थी. मदरसा में कक्षा आठ से लेकर एमए तक की परीक्षा जैक द्वारा ली जाती थी. जैक केवल इंटर स्तर तक की परीक्षा लेने के लिए अधिकृत है, ऐसे में स्नातक व स्नातकोत्तर की डिग्री जैक द्वारा नहीं दी जा सकती है.
पाठ्यक्रम को अब विवि के एकेडमिक काउंसिल की बैठक में रखा जायेगा. आलिम व फाजिल की डिग्री विश्वविद्यालय स्तर से ही दी जा सकती है. इस कारण जैक ने परीक्षा लेना बंद कर दिया. बैठक में उप कुलसचिव प्रीतम कुमार, ज्ञान सिंह, नीरज सिंह समेत अन्य सदस्य उपस्थित थे.
कॉलेज के अनुरूप मदरसा को करना होगा अपग्रेड : रांची विश्वविद्यालय उन मदरसों की आलिम की परीक्षा लेगा, जिनकी परीक्षा अब तक झारखंड एकेडमिक काउंसिल लेती थी. मदरसा को विवि से संबद्धता प्राप्त कॉलेज के अनुरूप अपग्रेड करना होगा.
कॉलेज के लिए आवश्यक सभी शर्त को पूरा करना होगा. संसाधन के साथ-साथ शिक्षक की योग्यता भी विवि के मापदंड के अनुरूप होना आवश्यक होगा. रांची विश्वविद्यालय द्वारा फिलहाल आलिम का ही पाठ्यक्रम तैयार किया गया है. फाजिल (पीजी) का पाठ्यक्रम फिलहाल तैयार नहीं किया गया है.
क्या होती थी परेशानी
यह मामला विधानसभा में उठ चुका है. विधायकों ने इसमें सुधार की मांग करते हुए कहा था कि आलिम व फाजिल की पढ़ाई विश्वविद्यालय स्तर की है. इसकी परीक्षा जैक द्वारा लिये जाने से इसे दूसरे राज्यों में मान्यता नहीं दी जाती है. इसके कारण विद्यार्थी न तो दूसरे राज्यों में नामांकन ले पाते हैं और न ही स्नातक व पीजी स्तर की नौकरी के लिए आवेदन जमा कर पाते हैं. इसके बाद सरकार ने इसकी परीक्षा विवि स्तर से कराने का निर्णय लिया था.
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