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Ranchi news : झारखंड के बाजारों में लोकल स्ट्रॉबेरी आने लगा है, पर किसानों को अब तक नहीं मिले सरकारी स्ट्रॉबेरी के पौधे

उद्यान निदेशालय अभी किसानों को पौधा उपलब्ध कराने की तैयारी ही कर रहा है.

रांची.

झारखंड के बाजार में लोकल स्ट्रॉबेरी आने लगा है. राज्य के कई जिलों के किसानों ने अक्तूबर और नवंबर में स्ट्रॉबेरी का पौधा लगाया था. उसकी फसल निकलने लगी है. इधर, किसानों को अब तक सरकारी पौधा नहीं मिल पाया है. उद्यान निदेशालय अभी स्ट्रॉबेरी व अन्य फल और फूलों का पौधा किसानों को उपलब्ध कराने की तैयारी ही कर रहा है. आपूर्तिकर्ता अब तक तय नहीं हुआ है. इस वर्ष उद्यान निदेशालय ने पौधों की आपूर्ति के लिए कंपनियों को सूचीबद्ध नहीं करने का निर्णय लिया है. एक ही आपूर्तिकर्ता से पौधे की आपूर्ति ली जायेगी. उद्यान निदेशालय ने झारखंड प्रोक्योरमेंट ऑफ गुड्स एंड सर्विस मैनुअल का हवाला देकर ऐसी तैयारी की है. बीते साल राज्यभर में 14 कंपनियों से पौधे की आपूर्ति ली गयी थी. कंपनियों ने अलग-अलग जिलों में पौधों की आपूर्ति की थी. इस बार एक कंपनी से ही आपूर्ति कराने का विरोध अन्य कंपनियों ने दर्ज कराया है. आग्रह किया है कि सभी को काम करने का मौका दिया जाये.

3.31 करोड़ पौधे की है जरूरत

राज्य में उद्यान विकास कार्यक्रम के तहत स्ट्रॉबेरी, केला, ड्रैगन फ्रूट, गेंदा और ग्लेडियस के पौधे की आपूर्ति होनी है. कुल मिलाकर 3.31 करोड़ पौधे की आपूर्ति किसानों के बीच की जानी है. इसमें करीब 68.75 लाख स्ट्रॉबेरी के पौधे की आपूर्ति की जानी है. वहीं, 16.80 लाख केला, सात लाख ड्रैगन फ्रूट, 2.75 करोड़ ग्लेडियस और करीब 38 लाख गेंदा के पौधे की आपूर्ति की जानी है.

भूमि संरक्षण और कृषि निदेशालय ने किया है कई कंपनियों को सूचीबद्ध

इधर, कृषि, पशुपालन एवं सहकारिता विभाग के अधीन संचालित भूमि संरक्षण निदेशालय और कृषि निदेशालय ने उत्पादों की खरीद के लिए कई कंपनियों को सूचीबद्ध किया है. भूमि संरक्षण निदेशालय ट्रैक्टर आपूर्ति के लिए व कृषि निदेशालय ने बीज आपूर्ति के लिए कई कंपनियों को सूचीबद्ध किया है. जबकि, उद्यान निदेशालय एक ही आपूर्तिकर्ता से पौधे की आपूर्ति लेगा.

अक्तूबर-नवंबर माह पौधा लगाने का सही समय

विशेषज्ञों ने बताया कि जाड़े में तैयार होने वाले फल और फूल का पौधा लगाने का सही समय अक्तूबर और नवंबर माह है. अक्तूबर माह में लगाने के बाद तेज ठंड के समय फूल निकलने लगता है. इसके बाद फल आने लगता है. यह जनवरी-फरवरी माह तक चलता है. मार्च की धूप में यह समाप्त होने लगता है. आम तौर पर पौधा लगाने से फल लेने तक की पूरी प्रक्रिया करीब तीन माह की है.

अगस्त में ही निकला था राज्यादेश

राज्य में किसानों को 50 फीसदी अनुदान पर पौधा देने के लिए राज्यादेश अगस्त माह में निकला था. उद्यान विकास योजना के तहत इस स्कीम का संचालन होना है. इसमें कई योजनाओं को एक साथ समग्र किया गया है. इस पर करीब 98.50 करोड़ रुपये खर्च होने हैं.

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