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झारखंड : राज्यसभा चुनाव को लेकर भाजपा संसदीय बोर्ड की बैठक नौ को
रांची : राज्यसभा चुनाव को लेकर भाजपा संसदीय बोर्ड की बैठक नौ मार्च को दिल्ली में बुलायी गयी है. इसमें विभिन्न राज्यों में होनेवाले राज्यसभा चुनाव के प्रत्याशियों के नाम तय किये जायेंगे. संसदीय बोर्ड में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष समेत कुल 12 सदस्य हैं. झारखंड में भी राज्यसभा की दो सीटों […]
रांची : राज्यसभा चुनाव को लेकर भाजपा संसदीय बोर्ड की बैठक नौ मार्च को दिल्ली में बुलायी गयी है. इसमें विभिन्न राज्यों में होनेवाले राज्यसभा चुनाव के प्रत्याशियों के नाम तय किये जायेंगे. संसदीय बोर्ड में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष समेत कुल 12 सदस्य हैं.
झारखंड में भी राज्यसभा की दो सीटों के लिए 23 मार्च को चुनाव होना है. पार्टी सूत्रों के अनुसार संसदीय बोर्ड की बैठक से पहले प्रदेश भाजपा के चुनाव प्रबंधन समिति की बैठक होगी. इसमें विचार-विमर्श कर संभावित प्रत्याशियों के नाम से केंद्रीय नेतृत्व को अवगत कराया जायेगा. चुनाव प्रबंधन समिति की बैठक में मुख्यमंत्री व प्रदेश अध्यक्ष को इसके लिए अधिकृत किया जा सकता है.
संसदीय बोर्ड की बैठक में यह भी तय किया जायेगा कि पार्टी दोनों सीट पर उम्मीदवार देगी अथवा नहीं. पार्टी सूत्रों के अनुसार भाजपा दोनों सीटों पर अपनी दावेदारी पेश करने का मन बना रही है. हालांकि, इस पर केंद्रीय नेतृत्व को निर्णय लेना है. विधानसभा में दलगत स्थिति के अनुसार भाजपा की एक सीट पर जीत तय मानी जा रही है.
जहां तक दूसरी सीट का सवाल है, तो उसे निर्दलीय समेत दूसरे दल के विधायकों की जरूरत पड़ेगी. चर्चा है कि दो सीटों में से एक सीट पर केंद्रीय मंत्री धर्मेंद्र प्रधान या संबित पात्रा को उम्मीदवार बनाया जा सकता है. जहां तक दूसरी सीट का सवाल है, इस पर प्रदीप वर्मा, संजय सेठ, दीपक प्रकाश समेत प्रदेश के दूसरे नेताओं के नाम की चर्चा चल रही है.
झामुमो ने कांग्रेस से की सौदेबाजी : भाजपा
रांची : प्रदेश भाजपा प्रवक्ता प्रवीण प्रभाकर ने कहा कि राज्यसभा चुनाव की अधिसूचना जारी होने के बाद झामुमो ने कांग्रेस के साथ सौदेबाजी कर ली है. श्री प्रभाकर ने मांग की है कि चुनाव आयोग इस सौदेबाजी पर संज्ञान ले, क्योंकि यह गठबंधन नहीं बल्कि सौदेबाजी है. उन्होंने कहा कि झामुमो का अवसरवादी चरित्र खुल कर सामने आया है. थैलीशाहों के प्रभाव में आकर झामुमो ने अपनी ही सीट की सौदेबाजी कर ली. झामुमो इस डील का जनता के सामने खुलासा करे.
अभी तक झामुमो महागठबंधन का राग अलाप रहा था, लेकिन उसने चुपचाप दिल्ली जाकर सौदेबाजी कर ली. ये कैसा गंठबंधन है, जहां झाविमो, राजद और वामदलों को किनारे लगा दिया गया. श्री प्रभाकर ने कहा कि पिछली बार अपने भाई बसंत सोरेन की जिद के चलते हेमंत सोरेन थैलीशाहों के साथ राज्यसभा सीट की सौदेबाजी नहीं कर पाए थे, इसलिए उन्होंने चुपचाप पहले ही दिल्ली जाकर डील कर ली.
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