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बच्चों के बैंक खाते में दें किताब का पैसा

पहल. भारत सरकार ने शिक्षा परियोजना को भेजा पत्र, डीबीटी के माध्यम से किताब देने को कहा झारखंड शिक्षा परियोजना टेंडर कर बच्चों को वितरित करती है किताब टेंडर में गड़बड़ी की मिली थी शिकायत, हुई थी जांच रांची : राज्य के स्कूली बच्चों को किताब के लिए पैसा सीधे बैंक खाता में दिया जा […]

पहल. भारत सरकार ने शिक्षा परियोजना को भेजा पत्र, डीबीटी के माध्यम से किताब देने को कहा

झारखंड शिक्षा परियोजना टेंडर कर बच्चों को वितरित करती है किताब
टेंडर में गड़बड़ी की मिली थी शिकायत, हुई थी जांच
रांची : राज्य के स्कूली बच्चों को किताब के लिए पैसा सीधे बैंक खाता में दिया जा सकता है. भारत सरकार ने इस संबंध में झारखंड शिक्षा परियोजना को पत्र लिखा है. भारत सरकार ने बच्चों को किताब के लिए राशि डीबीटी (डायरेक्ट बेनिफिट ट्रांसफर) के माध्यम से देने को कहा है. इसके बाद बच्चे किताब का क्रय अपने स्तर से कर सकेंगे. झारखंड शिक्षा परियोजना किताब की राशि तय कर बच्चों के बैंक खाता में देगी. भारत सरकार के पत्र के आलोक में अंतिम निर्णय राज्य सरकार को लेना है. झारखंड में अब तक किताब के लिए झारखंड शिक्षा परियोजना द्वारा टेंडर किया जाता रहा है. टेंडर की शर्त के अनुरूप प्रकाशक प्रखंड मुख्यालय तक किताब की आपूर्ति करता है.
प्रखंड मुख्यालय से विद्यालय अपने स्तर से किताब ले जाते हैं. राज्य में पूर्व में किताब के टेंडर में गड़बड़ी का मामला भी सामने आया है. इसकी शिकायत भारत सरकार को भी मिली थी. भारत सरकार द्वारा इसकी जांच करायी गयी थी. भारत सरकार ने प्रकाशकों के राशि भुगतान पर भी रोक लगायी थी.
कक्षा आठ तक के बच्चों को नि:शुल्क किताब
सरकारी विद्यालयों में पढ़नेवाले कक्षा एक से आठ तक के बच्चों को नि:शुल्क किताब दी जाती है. बच्चों को किताब सर्व शिक्षा अभियान के तहत उपलब्ध करायी जाती है. किताब वितरण पर होनेवाले खर्च की 60 फीसदी राशि केंद्र सरकार देती है, जबकि 40 फीसदी राशि राज्य सरकार देती है.
पोशाक व स्कूल किट का पैसा बैंक खाता में
राज्य में स्कूली बच्चों की पोशाक व स्कूल किट की राशि पहले से ही बैंक खाता में दी जाती है. बच्चे अपने स्तर से पोशाक व स्कूल किट का क्रय करते हैं. बच्चे विद्यालय में उपयोगिता प्रमाण पत्र जमा करते हैं. राज्य में बच्चों के बैंक खाता खोलने व खात को आधार से जोड़ने का कार्य भी लगभग पूरा कर लिया गया है.
किताब के लिए राशि बच्चों के बैंक खाता में देने से संबंधित पत्र भारत सरकार द्वारा भेजा गया है. इस पर अंतिम निर्णय सरकार के स्तर से लिया जायेगा. इस वर्ष किताब वितरण के लिए प्रक्रिया शुरू है. किताब डीबीटी के माध्यम से दी जायेगी की नहीं, इस पर फिलहाल कोई निर्णय नहीं लिया गया है.
मुकेश कुमार सिन्हा, प्रशासी पदाधिकारी, जेइपीसी

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