रांची : निजी स्कूलों की मनमानी से परेशान हैं! आपको निजी प्रकाशकों की महंगी किताबें खरीदने के लिए स्कूल बाध्य करता है! स्कूल परिसर में लाईन लगाकर किताबें खरीदने के लिए मजबूर करता है! यदि आप इन सब परेशानियों से जूझ रहे हैं, तो आपके लिए खुशखबरी है. अब स्कूलों में निजी प्रकाशकों की किताबें नहीं बिकेंगी. यदि किसी स्कूल ने ऐसा किया, तो उसके खिलाफ सख्त कार्रवाई की जायेगी.
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यह निर्देश जारी किया है केंद्रीय माध्यमिक शिक्षा बोर्ड (सीबीएसई) ने. निर्देश में कहा गया है कि कोई भी स्कूल अपने परिसरों में निजी प्रकाशकों की किताबें नहीं बेचेंगे. बोर्ड ने स्कूलों को एक पत्र लिखा है, जिसमें कहा है कि स्कूल अपने परिसरों में केवल एनसीईआरटी की किताबें और स्टेशनरी सामग्री बेचने के लिए छोटी दुकान खोल सकते हैं.
इस पत्र में कहा गया है कि किसी भी स्कूल को निजी प्रकाशकों की कोई भी किताब बेचने की अनुमति नहीं होगी. एनसीईआरटी के अलावा दूसरी किताबों की बिक्री को नियम का उल्लंघन माना जायेगा. इसके लिए स्कूल के खिलाफ कार्रवाई होगी. एनसीईआरटी ने कहा है कि अभिभावक स्कूल परिसरों से या बाहर के विक्रेता से पाठ्यपुस्तक और स्टेशनरी सामग्री खरीदने के लिए आजाद हैं.
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CBSE ने अगस्त में स्कूलों को अपने परिसरों में एनसीईआरटी की किताबें, स्टेशनरी और छात्रों के इस्तेमाल वाली अन्य सामग्री बेचने के लिए दुकानें खोलने की अनुमति दी थी. बोर्ड ने प्रबंधन से स्कूलों को ‘वाणिज्यिक प्रतिष्ठानों’ की तरह नहीं चलाने और अपने परिसरों में किताबों और पोशाक की बिक्री रोकने को कहा था. हालांकि, अधिकतर स्कूलों ने इस आदेश का पालन नहीं किया.