रांची : धुर्वा में दो बिल्डरों की हत्या करने के इरादे से आये अपराधियोंकी एनकाउंटर के बाद गिरफ्तारी ने रांची पुलिस की इमेज बहादुर और तेज-तर्रार पुलिस की बना दी है. कोई एसएसपी कुलदीप द्विवेदी को ‘रांची का सिंघम’ कह रहा है, तो कोई उन्हें ‘दबंग’ की संज्ञा दे रहा है. रांची के दो बिल्डरों की जान बचाने का श्रेय रांची पुलिस की टीम को दिया जा रहा है.
दूसरी तरफ यह भी कहा जा रहा है कि रविवार (15 अक्तूबर, 2017) को धुर्वा में मुठभेड़ नहीं होती, यदि शनिवार को सोनू ठाकुर की हत्या न हुई होती. पुलिस को बिल्डरों की हत्या की साजिश की भनक तक नहीं लगती, यदि सोनू ठाकुर और विशाल के बीच विवाद न हुआ होता. सोनू ठाकुर ने विशाल को थप्पड़ न मारा होता.
कहानी यह है कि विद्यानगर निवासी गंगा राम और बीनू गोप के बीच एक साल से जमीन का विवाद था. बेशकीमती जमीन की डील से गंगा को हटाने के लिए बीनू ने दो बिल्डरों की हत्या की साजिश रची. इसके लिए पांच लाख रुपये की सुपारी उसने राजेश वर्मा को दी. राजेश के कहने पर जयप्रकाश रांची आया. उसकी मदद के लिए दिलीप वर्मा, रॉकी, मुन्ना राय, राहुल, रवि व कुछ अन्य लोगों को कहा गया.
रविवार को बिल्डरों की हत्या के लिए तय कार्यक्रम के मुताबिक, अपराधी शनिवार की रात पहाड़ी मंदिर के पास जुटे. इस दौरान दिलीप वर्मा के रिश्तेदार राहुलसे जयप्रकाश शुक्ला का विवाद हो गया. राहुल के साथ वहां मौजूद रॉकी ने सोनू ठाकुर को फोन करके वहां बुला लिया.
सुखदेवनगर थाना के पीछे गोली मार कर युवक की हत्या
उस जगह पहुंचने के बाद सोनू का शूटरों से विवाद हो गया. शूटर और सोनू उलझ पड़े.सोनू ने शूटर विशाल को थप्पड़ जड़ दिया. गुस्से में तमतमाये विशाल ने सोनू ठाकुर को वहीं गोली मार दी. सोनू ठाकुर की बाद में मौत हो गयी. सोनू की हत्या मामले की जांच शुरू हुई, तो पुलिस ने रॉकी को गिरफ्त में लिया.
पुलिस ने सख्ती दिखायी, तो रॉकी टूट गया और उसने रविवार को बिल्डरों की हत्या की पूरी साजिश का खुलासा कर दिया. उसने हत्या करने के लिए बुलाये गये सभी अपराधियों के नाम और उनकी पूरी योजना के बारे में भी पुलिस को विस्तार से बता दिया. इसके बाद सिटी एसपी अमन कुमार की अगुवाई में एक टीम बनी और अपराधियों को पुलिस ने धर दबोचा.