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मामला: दुष्कर्म पीड़िता नाबालिग के गर्भपात की अनुमति का, एमजीएम मेडिकल बोर्ड की रिपोर्ट से हाइकोर्ट असंतुष्ट
रांची : झारखंड हाइकोर्ट के जस्टिस रंगन मुखोपाध्याय की अदालत में शनिवार को 12 वर्षीय दुष्कर्म पीड़ित गर्भवती बच्ची की जान बचाने को लेकर दायर क्रिमिनल याचिका पर सुनवाई हुई. अदालत ने एमजीएम जमशेदपुर के मेडिकल बोर्ड की ओर से दी गयी रिपोर्ट को खारिज कर दिया है. इसके बाद उक्त मेडिकल बोर्ड से अदालत […]
रांची : झारखंड हाइकोर्ट के जस्टिस रंगन मुखोपाध्याय की अदालत में शनिवार को 12 वर्षीय दुष्कर्म पीड़ित गर्भवती बच्ची की जान बचाने को लेकर दायर क्रिमिनल याचिका पर सुनवाई हुई. अदालत ने एमजीएम जमशेदपुर के मेडिकल बोर्ड की ओर से दी गयी रिपोर्ट को खारिज कर दिया है. इसके बाद उक्त मेडिकल बोर्ड से अदालत ने दोबारा रिपोर्ट मंगायी, जिसमें पीड़िता की जान पर खतरा बताया गया. रिपोर्ट देखने के बाद अदालत ने मामले को गंभीरता से लेते हुए रिम्स निदेशक को तत्काल मेडिकल बोर्ड गठित कर 15 अक्तूबर को पीड़िता की जांच करने का निर्देश दिया.
बोर्ड में विशेषज्ञ चिकित्सकों को शामिल करने का निर्देश दिया गया. कोर्ट ने सरकार को जांच के बाद बोर्ड की रिपोर्ट अनुशंसा सहित सीलबंद लिफाफे में प्रस्तुत करने, मामले में गंभीर प्रयास करने का भी निर्देश दिया. इसके अलावा जमशेदपुर के एसएसपी को पीड़िता व उसके परिजन को रिम्स पहुंचाने के लिए जरूरी व्यवस्था करने और आदेश की प्रति तत्काल रिम्स को देने का भी निर्देश दिया.
इससे पूर्व राज्य सरकार की अोर से अधिवक्ता राजीव रंजन मिश्रा ने मेडिकल बोर्ड की रिपोर्ट पेश की. अदालत ने इसे खारिज करते हुए दोबारा रिपोर्ट देने का निर्देश दिया. क्लिनिकल व अल्ट्रासोनोग्राफिक के आधार पर पीड़िता के पेट में लगभग 23 सप्ताह का गर्भ बताया गया है. दूसरी रिपोर्ट में गर्भपात को रिस्की बताया गया था. प्रार्थी की अोर से अधिवक्ता राम सुभग सिंह ने पक्ष रखा.
एमजीएम ने किया था गर्भपात कराने से इनकार
जमशेदपुर के सिदगोड़ा थाना क्षेत्र में 30 अगस्त को 12 वर्षीय नाबालिग बच्ची के साथ दुष्कर्म के आरोप में प्राथमिकी दर्ज की गयी थी. नाबालिग पीड़िता की मां ने गर्भपात की मांग को लेकर क्रिमिनल रिट याचिका दायर की है. चिकित्सकों ने बताया था कि पीड़िता के पेट में 22 सप्ताह का गर्भ है. पीड़िता के परिजनों के आग्रह के बाद एमजीएम ने गर्भपात कराने से इंकार कर दिया था. अस्पताल की अोर से कहा गया कि कोर्ट के आदेश पर ही यह संभव हो सकता है. पीड़िता की जान खतरे में है.
गर्भवती बच्ची की जांच आज
रांची. रिम्स का मेडिकल बोर्ड रविवार को 12 वर्षीय गर्भवती बच्ची की जांच करेगा. कोर्ट के आदेश पर रिम्स निदेशक डॉ बीएल शेरवाल ने बच्ची की जांच के लिए टीम का गठन किया है. मेडिकल जांच के बाद रिपोर्ट सीलबंद कर कोर्ट को सौंपी जायेगी.
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