रांची: 16 दिन से चला आ रहा गणगौर व्रत बुधवार को संपन्न हुआ. महिलाओं ने सज-धज कर अपने घरों में मां गौरा व ईशर की पूजा कर अखंड सौभाग्य की कामना की. श्री लक्ष्मी नारायण मंदिर में भी पूजा की और बड़ों का आशीर्वाद लिया. इसके बाद व्रतियों ने बड़ा तालाब पहुंच कर पूजा की और कुंडों का विसजर्न किया. खुशबू व रश्मि शारदा ने कहा कि यह उनका पहला गणगौर व्रत था. इसके लिए उन्होंने विशेष तैयारी की थी. उन्होंने कहा कि पति की लंबी उम्र की कामना व घरों में खुशहाली के लिए यह व्रत किया.
सुबह से ही लगने लगी भीड़ : श्री माहेश्वरी सभा की ओर से मंदिर परिसर में पूजा व विसजर्न की व्यवस्था की गयी थी. मंदिर में सुबह छह बजे से ही पूजा शुरू हो गयी. शाम में पूजा करनेवालों की भीड़ उमड़ पड़ी. आस-पास के इलाकों के अलावा रांची के विभिन्न इलाकों से महिला व युवतियां पूजा के लिए आयी थी. यहां खाने-पीने के कई स्टॉल लगाये गये थे. यहां व्रतियों के अलावा उनके परिजनों ने स्वादिष्ट व्यंजन का लुत्फ उठाया. कार्यक्रम के आयोजन में संयोजक मेघरा दरगड़, लक्ष्मी चितलांगिया, किशन साबू, सरला चितलांगिया, अंकुर डागा, सभा के अध्यक्ष राजकुमार मारू, मुकेश काबरा, शिवशंकर साबू आदि का सहयोग रहा.
सुहागा व ज्वार घर ले गयी
व्रती महिला अपने साथ सुहागा व ज्वार घर ले गयी. महिला इसे अपने पास रखती है. उनका विश्वास है कि ऐसा करने से उनका सुहाग अमर रहता है. व्रतधारी ज्वार को अपनी चूड़ी में बांधती है और जुड़ा में इसे लगाती है.इसके अलावा अपने पति व घर के सदस्यों को इसे देती है.अनिता माहेश्वरी ने कहा कि पूजा के बाद सुहागा के रूप में मंदिर से जो कुछ मिलता है, उसे अपने घर ले जाकर उपयोग में लाती हूं.