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कोल इंडिया में 37 खदानों को बंद करने का है प्रस्ताव , 10 खदान बंद करेगा सीसीएल

रांची: सीसीएल अपना दस 10 खदान बंद करेगा. पूरे कोल इंडिया में 37 खदानों को बंद करने निर्णय लिया गया है. इसकी जानकारी मजदूर यूनियनों को दी गयी है. चालू वित्तीय वर्ष में सभी खदानों को बंद करने का लक्ष्य रखा गया है. इसमें कथारा एरिया, अरगड्डा व बरकासयाल, कुजू एरिया का दो-दो तथा बीएंडके […]

रांची: सीसीएल अपना दस 10 खदान बंद करेगा. पूरे कोल इंडिया में 37 खदानों को बंद करने निर्णय लिया गया है. इसकी जानकारी मजदूर यूनियनों को दी गयी है. चालू वित्तीय वर्ष में सभी खदानों को बंद करने का लक्ष्य रखा गया है. इसमें कथारा एरिया, अरगड्डा व बरकासयाल, कुजू एरिया का दो-दो तथा बीएंडके और पिपरवार का एक-एक खदान शामिल है.

सभी अंडरग्राउंड माइंस है. इसमें से कई खदानों में कोयला भी है. प्रबंधन का तर्क है कि यहां से कोयला निकालना वित्तीय स्थिति में ठीक नहीं है. इससे कंपनी को नुकसान हो रहा है. इन खदानों से उत्पादन खर्च 16000 से 21000 रुपये प्रति टन पड़ रहा है. कोल इंडिया के निर्देश के बाद प्रबंधन ने ऐसे खदानों की सूची तैैयार की है. इन खदानों के बंद करने से अरगड्डा में कुल पांच खनन क्षेत्र रह जायेंगे. पिपरवार में कुल पांच खनन क्षेत्र हैं, इसमें चार खनन क्षेत्र रह जायेंगे. कुजू में कुल 10 में से दो खदान बंद हो सकते हैं. बीएंडके में 11 में से एक खदान को बंद करने की योजना है. इसी तरह बरकासयाल एरिया में नौ में से दो खदान बंद करने की योजना है.

22 की बैठक में होगी चर्चा
सीसीएल में 22 जुलाई को संयुक्त सलाहकार संचालन समिति की बैठक होगी. इससे में 10 खदान को बंद करने के प्रबंधन के निर्णय पर विचार होगा. प्रबंधन यह जानकारी देगा कि इन खदानों को बंद करना क्यों जरूरी है. इससे पूर्व एरिया स्तर की संयुक्त सलाहकार संचालन समिति में विचार किया जा रहा है.
बोले मजदूर नेता
मजदूर यूनियन एक भी खदान बंद करने से पक्ष में नहीं है. केवल यह कह कर कि खनन से नुकसान हो रहा है, ठीक नहीं है. खदान के अंदर अगर कोयला है, तो उसे निकाला जाना चाहिए. यह राष्ट्र की संपत्ति है. इसे ऐसे ही नहीं छोड़ा जाना चाहिए.
आरपी सिंह, महासचिव, एनसीओएआइ
इस मामले पर व्यापक चर्चा होनी चाहिए. प्रबंधन एकतरफा निर्णय नहीं ले सकता है. इस कारण इसे जेबीसीसीआइ की बैठक में भी उठाया गया है. कोल इंडिया प्रबंधन भी इस बात से सहमत है कि बंद करने से पहले एक राय होनी चाहिए.
लखनलाल महतो, एटक
जिन खदानों को
बंद करना है
बचरा (पिपरवार), टोपा व कुजू (कुजू एरिया), सिरका व अरगड्डा (अरगड्डा एरिया), जारंगडीह व स्वांग (कथारा एरिया), सयाल-डी और सौंदा-डी (बीएंड सयाल) व बीएसआइ करगली (बीएंडके)
कहां कितनी
खदानें बंद होंगी
कंपनी प्रस्तावित बंद
सीसीएल 10
डब्ल्यूसीएल 10
एसइसीएल 10
इसीएल पांच
बीसीसीएल दो

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