उन्होंने 1966 मेें अखिल भारतीय आदिवासी विकास परिषद की स्थापना की़ अपने लंबे अनुभव के आधार पर ‘बीस वर्षों की काली रात’ पुस्तक लिखी़ इस पुस्तक का सारांश ही धर्मांतरण निषेध और धर्मांतरित आदिवासियों को दोहरा लाभ से वंचित करना है़ वर्तमान में अखिल भारतीय आदिवसी विकास परिषद के सदस्याें द्वारा धर्मांतरण निषेध बिल की विरोध करना कार्तिक उरांव का अपमान है़ उन्होंने कहा कि फूलचंद तिर्की व मेघा उरांव पर आदिवासियों की एकता को खंडित करने के प्रयास का आरोप लगाना भी ओछी राजनीति का प्रतीक है़
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धर्मांतरण बिल का विरोध कार्तिक उरांव का अपमान: संजय तिर्की
रांची: धर्मांतरण बिल व अन्य विषयों पर केंद्रीय सरना समिति की बैठक टुंकी टोली में हुई. मौके पर महासचिव संजय तिर्की ने कहा कि स्व कार्तिक उरांव ने लोकसभा में 348 सांसदों के हस्ताक्षर के साथ धर्मांतरण बिल पेश किया था, पर अंतरराष्ट्रीय षडयंत्र के कारण यह अनिश्चितकाल के लिए स्थगित रह गया़. उन्होंने 1966 […]
रांची: धर्मांतरण बिल व अन्य विषयों पर केंद्रीय सरना समिति की बैठक टुंकी टोली में हुई. मौके पर महासचिव संजय तिर्की ने कहा कि स्व कार्तिक उरांव ने लोकसभा में 348 सांसदों के हस्ताक्षर के साथ धर्मांतरण बिल पेश किया था, पर अंतरराष्ट्रीय षडयंत्र के कारण यह अनिश्चितकाल के लिए स्थगित रह गया़.
उन्होंने 1966 मेें अखिल भारतीय आदिवासी विकास परिषद की स्थापना की़ अपने लंबे अनुभव के आधार पर ‘बीस वर्षों की काली रात’ पुस्तक लिखी़ इस पुस्तक का सारांश ही धर्मांतरण निषेध और धर्मांतरित आदिवासियों को दोहरा लाभ से वंचित करना है़ वर्तमान में अखिल भारतीय आदिवसी विकास परिषद के सदस्याें द्वारा धर्मांतरण निषेध बिल की विरोध करना कार्तिक उरांव का अपमान है़ उन्होंने कहा कि फूलचंद तिर्की व मेघा उरांव पर आदिवासियों की एकता को खंडित करने के प्रयास का आरोप लगाना भी ओछी राजनीति का प्रतीक है़
बैठक का संचालन डबलू मुंडा ने किया़ इसमें फूलचंद तिर्की, जगलाल पाहन, बबलू मुंडा, संदीप उरांव, सुनील फकीरा कच्छप, मेघा उरांव, विश्वास उरांव, नरेश पाहन, कृष्णकांत टोप्पो सहित बड़ी सशामिल थे़.
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