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विस के मॉनसून सत्र से पहले सीएनटी-एसपीटी संशोधन विधेयक की प्रक्रिया पूरी करना चाहती है राज्य सरकार

रांची : राज्य सरकार मॉनसून सत्र से पहले सीएनटी-एसपीटी संशोधन विधेयक की प्रक्रियाओं को पूरा करना चाहती है, ताकि बिल को 11 जुलाई से शुरू होनेवाले विधानसभा सत्र में पेश किया जा सके. इसको लेकर पार्टी की ओर से कवायद शुरू कर दी गयी है. आदिवासी नेताओं के साथ रायशुमारी की प्रक्रिया पूरी कर ली […]

रांची : राज्य सरकार मॉनसून सत्र से पहले सीएनटी-एसपीटी संशोधन विधेयक की प्रक्रियाओं को पूरा करना चाहती है, ताकि बिल को 11 जुलाई से शुरू होनेवाले विधानसभा सत्र में पेश किया जा सके. इसको लेकर पार्टी की ओर से कवायद शुरू कर दी गयी है. आदिवासी नेताओं के साथ रायशुमारी की प्रक्रिया पूरी कर ली गयी है.

इनकी भावनाओं से मुख्यमंत्री रघुवर दास को भी अवगत करा दिया गया है. 30 जून को पार्टी ने इस मुद्दे को लेकर प्रदेश पदाधिकारियों व पार्टी के सभी विधायकों की बैठक बुलायी है. तीन जुलाई को टीएसी की बैठक होने वाली है. ऐसे में पार्टी इससे पहले सहमति बना कर सारी प्रक्रिया पूरा कर लेना चाहती है. पार्टी के वरिष्ठ नेता फोन पर भी विपक्षी दलों समेत अन्य लोगों से सुझाव लेंगे. सात जुलाई को भाजपा के राष्ट्रीय सह संगठन महामंत्री सौदान सिंह भी रांची आ रहे हैं. इससे पहले ड्राफ्ट तैयार कर उन्हें दिखाया जायेगा. इसके बाद विधेयक को कैबिनेट की बैठक में रखा जायेगा. यहां से स्वीकृति लेकर इसे विधानसभा के माॅनसून सत्र में पेश किया जायेगा और दोबारा राज्यपाल को भेजा जायेगा.

अब सिर्फ दो प्रस्तावों पर होगा विमर्श
सीएनटी-एसपीटी संशोधन विधेयक में अब सिर्फ दो प्रस्ताव पर विमर्श होगा. आदिवासी नेताओं के साथ बैठक के बाद सीएनटी एक्ट की धारा 21 और एसपीटी एक्ट की धारा 13 में किये जा रहे बदलाव के प्रस्ताव को वापस लिये जाने पर सहमति बन चुकी है. इसमें कृषि भूमि की प्रकृति बदलने का प्रस्ताव था. सीएनटी की धारा 49 (1) में पूर्व में किये गये संशोधन पर विचार किया जायेगा. इसमें जमीन किस सरकारी कार्य के लिए लिया जा रहा है, इसका स्पष्ट उल्लेख किया जायेगा. अन्य कार्यों, जनोपयोगी संरचना व संस्थान जैसे शब्द हटाने पर विचार-विमर्श किया जायेगा. वहीं सीएनटी एक्ट की धारा 71 ए में किये जा रहे उस प्रस्ताव पर भी विचार किया जायेगा, जिसमें एसएआर कोर्ट को समाप्त करने की बात कही गयी थी.

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