रांची: रांची विवि सीनेट की 10वीं बैठक मंगलवार को हंगामेदार रही. कुलपति डॉ रमेश कुमार पांडेय का अभिभाषण शुरू होते ही सदस्यों ने हंगामा शुरू कर दिया. वे विवि में शिक्षकों व कर्मचारियों की नियुक्ति अनुबंध व ठेका पर करने का विरोध करने लगे. सदस्य स्थायी नियुक्ति की मांग कर रहे थे. डॉ मिथिलेश, डॉ शिव शंकर उरांव, डॉ अशोक कुमार सिंह, डॉ महाराज सिंह, अटल पांडेय, शशांक राज, पवन जेडिया, राकेश किरण, आरपी गोप सहित अन्य सदस्य हाथों में पोस्टर लेकर कुलपति के समीप पहुंच गये अौर नारेबाजी करने लगे. सदस्यों का कहना था कि विवि की कमजोरी व लापरवाही के कारण ही आज सरकार विवि पर हावी हो गयी है अौर एक्ट के विरुद्ध कार्य करा रही है.
नियुक्ति के मामले में पवन जेडिया व अर्जुन राम ने कहा कि विवि ने ही सीनेट से एक्ट संशोधन की अनुशंसा कर सरकार के पास भेज दी है कि कर्मचारियों की नियुक्ति राज्य सरकार अपने स्तर से करायेगी. इस मुद्दे पर काफी देर तक बहस हुई. बाद में सहमति बनी कि सीनेट एक प्रस्ताव पारित कर उक्त संशोधित एक्ट को वापस लेने की कार्रवाई करेगा. कुलपति ने स्पष्ट किया कि उनका कार्यकाल में सिर्फ बीएड में अनुबंध पर शिक्षकों की नियुक्ति हुई है. कर्मचारियों की नियुक्ति नहीं की गयी है. सदस्यों ने सीनेट की बैठक में उच्च शिक्षा विभाग के किसी प्रतिनिधि के शामिल नहीं होने पर नाराजगी जतायी. करीब सात मिनट तक हंगामे के बाद कुलपति ने अपना अभिभाषण शुरू किया. उन्होंने विवि की गतिविधियों से सदस्यों को अवगत कराया. बैठक में एसएस मेमोरियल कॉलेज अौर रामलखन सिंह यादव कॉलेज की जमीन का अब तक अधिग्रहण नहीं किये जाने का मुद्दा छाया रहा.
वहीं प्रशासन की लापरवाही के कारण रांची वीमेंस कॉलेज के हॉस्टल की जमीन विवि के हाथ से निकल जाने तथा वहां पर न्यूक्लियस मॉल बन जाने पर सदस्यों ने विवि प्रशासन को जम कर कोसा. सदस्यों ने कहा कि अगर इसी तरह लापरवाही बरती गयी, तो विवि को एसएस मेमोरियल कॉलेज अौर रामलखन सिंह यादव कॉलेज की जमीन से भी हाथ धोना पड़ेगा. इस पर कुलपति ने कहा कि वीमेंस कॉलेज की जमीन का मामला सुप्रीम कोर्ट तक गया था, जहां विवि हार गया.
वहीं एसएस मेमोरियल कॉलेज, रामलखन सिंह यादव कॉलेज अौर जेएन कॉलेज धुर्वा की जमीन के मामले में वे स्वयं अधिग्रहण कराने की दिशा में लगातार सरकार के साथ बातचीत कर रहे हैं. राज्यपाल सह कुलाधिपति से भी मदद ले रहे हैं. बैठक में वित्त समिति के चार सदस्यों के मनोनयन व एकेडमिक काउंसिल में चार अौर सदस्यों के मनोनयन के लिए कुलपति को अधिकृत किया गया. विधायक शिवशंकर उरांव ने जनजातीय भाषा में शिक्षकों की नियुक्ति व नौ भाषा के लिए अलग-अलग विभाग खोलने का मुद्दा उठाया. इस पर कुलपति ने कहा कि इस दिशा में कार्रवाई हो रही है. बैठक का संचालन कुलसचिव डॉ अमर कुमार चौधरी ने किया. इस अवसर पर प्रतिकुलपति डॉ कामिनी कुमार, पूर्व कुलपति डॉ केके नाग, डॉ एए खान, डॉ एलएन भगत, डॉ फिरोज अहमद, विधायक शिवशंकर उरांव, अमित कुमार, राम कुमार पाहन,डॉ मंजु सिन्हा, डॉ यूसी मेहता, डॉ जीएल उरांव, डॉ प्रकाश उरांव आदि उपस्थित थे.
एक करोड़ 31 लाख गबन का मामला उठा
बैठक में विश्वविद्यालय में एक करोड़ 31 लाख रुपये के गबन का मामला विधायक अमित कुमार महतो ने उठाया. उन्होंने कहा कि इस मामले में विवि के तत्कालीन रजिस्ट्रार भी दोषी हैं, इसलिए विवि उन्हें हटाये. साथ ही वर्तमान प्रोवीसी को हटाया जाये. कुलपति ने कहा कि एक करोड़ 31 लाख रुपये के मामले में बहुत राशि वापस हो गयी है. मामला कोर्ट में चल रहा है. बैठक में कुल 15 प्रस्ताव आये. कुलपति ने विवि स्तर पर कमेटी बना कर सारे प्रस्ताव पर नियमानुसार कार्रवाई करने की बात कही.
जनजातीय भाषा विभाग में धर्म विशेष से संबंधित विषय को कोर्स से हटाने पर सहमति
वीमेंस कॉलेज को मिलेगी बस बैठक में छात्र प्रतिनिधि की अोर से कॉलेज के विद्यार्थियों के लिए बस चलाने की मांग की गयी. इस पर कुलपति ने कहा कि राज्य सरकार के पास प्रस्ताव भेजा गया है. राज्य सरकार ने पहले चरण में वीमेंस कॉलेज को बस देने पर सहमति जतायी है. इसके बाद अन्य कॉलेजों के लिए बस चलायी जायेगी.
विवि मुख्यालय सिटी अॉफिस बनेगा
बैठक में कहा गया कि चेरी-मनातू में विवि का कैंपस बनाया जाने पर शहीद चौक स्थित मुख्यालय की जमीन को सरकार अपने कब्जे में लेना चाहती है. इस पर सदस्यों ने इसका विरोध किया. सदस्यों ने प्रस्ताव पारित कर कहा कि उक्त जमीन किसी भी हाल में सरकार को नहीं दी जायेगी. चेरी मनातू में विवि मुख्यालय शिफ्ट होने पर इस जगह रांची विवि का सिटी अॉफिस खोला जायेगा.
पेड़ काटे जाने के मुद्दे पर हंगामा
विवि के बेसिक साइंस भवन के पीछे अनधिकृत रूप से पेड़ काटे जाने का मुद्दा उठाया गया. विधायक अमित कुमार ने इस मामले को उठाया. कहा गया कि आखिर किसके अनुमति से पेड़ काटे गये. इस पर कुलपति ने कहा कि इसकी जांच करायी जा रही है. जो भी दोषी होंगे, उन पर कार्रवाई होगी.
एक मिनट में 592 करोड़ का बजट पास
सीनेट की इस 10वीं बैठक में वित्तीय वर्ष 2017-18 के लिए लगभग 592 करोड़ रुपये विवि के वित्त परामर्शी ने सदन के पटल पर रखा. जिसे एक मिनट के अंदर सभी सदस्यों ने मेज थपथपा कर पारित कर दिया. इस बजट में गैर योजना व योजना मद में खर्च के लिए राशि की मांग की गयी है.
डॉ आरके श्रीवास्तव मेंबर नामित
रांची विवि की तरफ से मेडिकल काउंसिल अॉफ इंडिया (एमसीआइ) के एक सदस्य के लिए रिम्स मेडिसिन विभाग के प्राध्यापक व मेडिकल डीन डॉ रमेश कुमार श्रीवास्तव के नाम का प्रस्ताव आया, जिसे सर्वसम्मति से पारित किया गया. डॉ श्रीवास्तव को एमसीआइ के सदस्य के रूप में मनोनीत किया गया.
पीजी फैशन डिजाइनिंग, सीएनडी, होटल मैनेजमेंट को मिली स्वीकृति
सीनेट की इस बैठक में रांची विवि में फैशन डिजाइनिंग अौर सीएनडी में स्नातकोत्तर की पढ़ाई शुरू करने की स्वीकृति दी गयी. दोनों विभाग रांची वीमेंस कॉलेज में खुलेंगे. इसके अलावा होटल मैनेजमेंट एंड कैटरिंग टेक्नोलॉजी के तीन वर्षीय पूर्णकालिक डिग्री कोर्स तथा एक वर्षीय सर्टिफिकेट कोर्स इन होटल मैनेजमेंट तथा बीएससी इन कम्यूनिटी हेल्थ कोर्स की स्वीकृति दी गयी. परफॉर्मिंग अार्ट विभाग खोलने की भी स्वीकृति दी गयी.
शिक्षकों को प्रोन्नत नहीं किये जाने का विरोध
बैठक में सीनेट सदस्य आरपी गोप ने कहा कि जेपीएससी व विवि की लापरवाही से अल्पसंख्यक कॉलेज के शिक्षकों को प्रोन्नति नहीं मिल पा रही है. विवि द्वारा भी दो-दो हजार रुपये प्रोन्नति के नाम पर लिये गये, लेकिन मामला ठंडे बस्ते में है. वर्षों से अल्पसंख्यक सहित अन्य अंगीभूत कॉलेजों के शिक्षकों की प्रोन्नति का भी मामला अटका हुआ है.
बैठक में सीनेट के लिए विभिन्न क्षेत्रों से सदस्यों का चुनाव नहीं होने पर भी नाराजगी जतायी गयी. कुलपति ने स्पष्ट किया कि सीनेट की अगली बैठक से पूर्व सदस्यों का चुनाव करा लिया जायेगा. इंदनाथ साहू ने कहा कि जनजातीय भाषा विभाग व शिक्षकों की नियुक्ति की अनदेखी की जा रही है.
वाइ-फाइ के लिए निक्सी को चार करोड़ रुपये भुगतान पर हंगामा
बैठक में विवि व कॉलेजों में वाइ-फाइ लगाने के लिए निक्सी को चार करोड़ रुपये भुगतान किये जाने का मामला उठा. इस मुद्दे पर सदन में खूब हंगामा हुआ. विधायक अमित कुमार, नीतीश सिंह सहित अन्य सदस्यों ने कहा कि विवि किन परिस्थिति में कंपनी को चार करोड़ 51 लाख रुपये का भुगतान कर दिया, जबकि कहीं भी वाइ-फाइ नहीं लगा है. इस पर कुलपति ने कहा कि राज्य सरकार के निर्देश पर ही कंपनी को चार करोड़ 51 लाख रुपये का भुगतान किया गया है. इसमें विवि की कोई रोल नहीं है. इस जवाब पर काफी देर तक हंगामा होता रहा. इस पर सदस्यों ने कहा कि इस बैठक में विधायक भी बैठे हैं, वो विधानसभा में इस बात को रख सकते हैं कि विवि की स्वायत्तता बचायें अौर यह भी बतायें कि सरकार किस प्रकार विवि से जबरन काम करा रही है. सदस्य डॉ मंजु सिन्हा ने बताया कि इससे पूर्व बीएसएनएल ने भी कुछ कॉलेजों में वाइ-फाइ लगाया. 10 दिनों के बाद ही वह काम करना बंद कर दिया है, लेकिन कॉलेजों के पास लाखों रुपये के बिल अब भी आ रहे हैं.
विश्वविद्यालय में वाहनों के दुरुपयोग पर रोक लगाने की उठी मांग
सीनेट सदस्य अटल पांडेय, शशांक राज, पूजा कुमारी ने विवि में वाहनों के दुरुपयोग पर रोक लगाने की मांग की. सदस्यों ने कहा कि विवि एक्ट का उल्लंघन कर वाहनों का दुरुपयोग हो रहा है. पेट्रोल/डीजल में अनावश्यक खर्च किये जा रहे हैं. सदस्यों ने महापुरुषों की जयंती के दिन अवकाश नहीं रखने की मांग की, बल्कि जयंती मनाने का प्रस्ताव रखा.
विवि सेवा आयोग के गठन की मांग
बैठक में सदस्य डॉ पंपा सेन ने शिक्षकों की नियुक्ति के लिए विवि सेवा आयोग के गठन का प्रस्ताव रखा. इस पर कुलपति ने जवाब दिया कि वर्तमान में शिक्षकों की नियुक्ति का जिम्मा जेपीएससी को दिया गया है, जबकि विवि सेवा आयोग का गठन करने का अधिकार सरकार के पास है.