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वाहन दुर्घटना का दावा निबटाने में विलंब

रांची : ओरिएंटल इंश्योरेंस कंपनी के वरीय मंडल प्रबंधक आलोक सिंह ने कहा है कि झारखंड समेत पूरे देश में मोटर वाहन दुर्घटना का दावा भुगतान समय पर नहीं होता है. मोटर व्हीकल एक्ट में दावे के भुगतान के लिए कोई निश्चित समय-सीमा नहीं है. श्री सिंह झारखंड स्टेट लीगल सर्विसेस अथोरिटी (झालसा) के तीन […]

रांची : ओरिएंटल इंश्योरेंस कंपनी के वरीय मंडल प्रबंधक आलोक सिंह ने कहा है कि झारखंड समेत पूरे देश में मोटर वाहन दुर्घटना का दावा भुगतान समय पर नहीं होता है. मोटर व्हीकल एक्ट में दावे के भुगतान के लिए कोई निश्चित समय-सीमा नहीं है. श्री सिंह झारखंड स्टेट लीगल सर्विसेस अथोरिटी (झालसा) के तीन दिवसीय प्रशिक्षण समारोह के दूसरे दिन अधिवक्ताओं को संबोधित कर रहे थे.
उन्होंने कहा कि देश भर में 1.75 लाख से अधिक लोगों की मौत प्रत्येक वर्ष सड़क दुर्घटनाओं में होती है. झारखंड में पांच हजार से ज्यादा मामले विभिन्न न्यायालयों में लंबित हैं. राजधानी रांची में ही दावा भुगतान से संबंधित आठ सौ से अधिक मामले लंबित हैं. उन्होंने कहा कि मोटर व्हीकल एक्ट के तहत सभी राज्य सरकारों को वाहन दुर्घटना दावा न्यायाधीकरण का गठन करना है.
न्होंने कहा कि दुर्घटना में मारे जाने पर न्यूनतम दावा भुगतान 50 हजार रुपये करना जरूरी है, जबकि स्थायी विकलांगता के मामले पर न्यूनतम दावा भुगतान 25 हजार रुपये तक किया जाता है. इसके लिए दुर्घटना की जगह, दुर्घटना का समय, दुर्घटना में मारे गये लोगों की उम्र सीमा, उनकी आय, पारिवारिक जानकारी और बीमा से संबंधी जानकारी के दस्तावेज उपलब्ध कराना जरूरी है. उन्होंने कहा कि हजारीबाग के एक मामले में अल्पव्यस्क बच्चों को 18 वर्ष बाद दुर्घटना दावा का भुगतान किया गया. अब उनके पास समय नहीं है कि वे दावा भुगतान संबंधी राशि आकर प्राप्त करें. इस अवसर पर झालसा के संतोष कुमार, एस प्रियदर्शी समेत अन्य लोग मौजूद थे. न्यायायुक्त नवनीत कुमार ने महिलाओं के खिलाफ घरेलू हिंसा, अलका निजामी ने नि:शक्त लोगों के लिए बने कानून पर अपना व्याख्यान दिया.

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